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Diwali 2025: पटाखों से हो सकता है आपके बच्चों को ये बड़ा नुकसान, अभी जानें

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दीपावली रौशनी का त्यौहार है। हर ओर यहां दियों की जगमगाहट और पटाखों की रंगीन रौशनी देखने को मिलती है। इस साल 20 अक्टूबर को दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये रंगीन रौशनी वाले पटाखे और तेज आवाज आपके बच्चों के नाजुक फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं क्योंकि इस वक्त हवा बहुत खराब होती है। लेकिन दीपावली पर ऐसा क्या करें कि त्यौहार भी मनाया जा सके और बच्चों को कोई परेशानी न हो। आइए जानते हैं इसके बारे में। साथ ही जानते हैं कि इस बारे में एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं।

एयर पॉल्यूशन की वजह
बता दें कि न केवल पटाखे बल्कि कई और भी कारण हैं जो एयरपॉल्यूशन के लिए जिम्मेदार होते हैं। आइए समझते हैं।

पटाखे
मैक्स हेल्थ केयर की एक रिपोर्ट के अनुसार पटाखे में भारी मात्रा में जहरीली गैसें और सूक्ष्म कण  (पीएम 2.5) प्रदूषण के स्तर को बढ़ावा देते हैं जो हवा में बने रहते हैं और आखिरी में आपके फेफड़ों में पहुंच जाते हैं।

बढ़ता ट्रैफिक
सड़क पर वाहनों की बढ़ती संख्या की वजह से धुएं का उत्सर्जन बढ़ जाता है।

औद्योगिक और घरेलू उत्सर्जन
ज्यादा ऊर्जा उपयोग और अपशिष्ट दहन भी वायु प्रदूषण में योगदान करते हैं।

फेफड़ों पर असर
दीपावली  में धुएं और एयर पॉल्यूशन के संपर्क में आने से कई बीमारियां हो सकती हैं। जैसे-

1. आंखों, नाक और गले में जलन
2. सांस लेने में तकलीफ, खांसी और घरघराहट
3. अस्थमा या कोई पुरानी बीमारियों का बढ़ना।
4. सांस के संक्रमण का खतरा बढ़ना।
5. बार-बार संपर्क में आने से फेफड़ों के ठीक से काम करने में समस्या।

कैसे रखें बच्चों के फेफड़ों का ख्याल?

इस दिवाली पर बच्चे के फेफड़ों की सुरक्षा के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

1: ज्यादा धुएं के दौरान बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करें।

2: पटाख जिस समय ज्यादा जलाए जा रहे हैं उस समय घर के अंदर रहें।

3: घर के अंदर धुआं न आ पाए इसके लिए अपनी खिड़कियां और दरवाज़े बंद रखें।

4: आपको बाहर जो भी काम करना हो वो या तो सुबह जल्दी कर लें या देर शाम को करें जब प्रदूषण का स्तर कम हो।

 5: धुएं के कणों को हटाने के लिए एयर प्यूरीफायर/फ़िल्टर का इस्तेमाल करें।

 6: आप घर के अंदर ऐसे पौधे भी लगा सकते हैं जो प्राकृतिक रूप से हवा को फ़िल्टर करने में मदद करेंगे। जैसे स्पाइडर प्लांट, स्नेक प्लांट या एलोवेरा

 7: घर के अंदर मोमबत्तियां या धुआं छोड़ने वाली कोई भी चीज जलाने से बचें।

 8: बच्चों और फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों को भारी धुंध के दौरान घर के अंदर ही रहना चाहिए।

9: फेफड़ों से प्रदूषण के कणों को बाहर निकालने लिए ज्यादा मात्रा में पानी पिएं।

11: दीये या मोमबत्ती जलाते समय सीधे धुएं को अंदर लेने से बचें।

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