Kartik Purnima 2025: जानिए कब है कार्तिक पूर्णिमा, क्या है महत्व और पूजा विधि
- Ankit Rawat
- 04 Nov 2025 01:52:11 PM
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। ये दिन साल के सबसे शुभ और पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। कार्तिक महीना भगवान विष्णु की आराधना के लिए खास होता है और इसी वजह से कार्तिक पूर्णिमा का महत्व अन्य पूर्णिमाओं से अधिक है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी।
कब है कार्तिक पूर्णिमा 2025?
पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर की रात 10 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर 5 नवंबर की शाम 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगी। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा का व्रत और पूजन 5 नवंबर को किया जाएगा। पूर्णिमा उपवास के दिन चंद्रमा का उदय शाम 5 बजकर 11 मिनट पर होगा।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की उपासना के लिए शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था और भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर देवताओं को मुक्ति दिलाई थी। इसीलिए ये दिन त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली, गुरु नानक जयंती और पुष्कर मेला जैसे कई धार्मिक आयोजन होते हैं। श्रद्धालु हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज और ऋषिकेश जैसे पवित्र स्थलों पर गंगा स्नान करते हैं और दीपदान से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया दान-पुण्य कई गुना फल देता है और जीवन से नकारात्मकता दूर करता है।
ऐसे करें कार्तिक पूर्णिमा की पूजा
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और घर की सफाई करें। इसके बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें। मंदिर या घर में दीप जलाएं और मंत्रों का जाप करें। कई श्रद्धालु इस दिन सत्यनारायण कथा, हवन और यज्ञ करते हैं। गंगा घाट पर स्नान कर दीप प्रवाहित करना अत्यंत शुभ माना गया है। दिनभर उपवास रखकर शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देना भी इस दिन की परंपरा है।
कार्तिक पूर्णिमा पर इन मंत्रों का करें जाप
ॐ नमो नारायणाय॥
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥
कहा जाता है कि जो भक्त श्रद्धा से कार्तिक पूर्णिमा का व्रत और पूजन करते हैं, उन्हें जीवन में सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ये दिन धर्म, ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक माना गया है।
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