Dev Diwali 2025: जानिए क्यों खास है देव दीपावली, गंगा आरती से मिलता है पापों से मुक्ति
- Shubhangi Pandey
- 04 Nov 2025 02:12:03 PM
देव दीपावली का त्योहार भक्ति, रोशनी और आध्यात्मिकता का संगम है। इस बार देव दीपावली 5 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन खुद देवता धरती पर उतरकर गंगा मैया की आरती करते हैं। काशी, प्रयागराज और हरिद्वार जैसे पवित्र स्थानों पर गंगा के घाट लाखों दीपों से जगमगा उठते हैं। गंगा के जल में झिलमिलाते दीपों का नजारा किसी स्वर्ग से कम नहीं होता। आरती के मंत्रों की गूंज और भक्तों की श्रद्धा से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो जाता है।
देव दीपावली का धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली का संबंध भगवान शिव से जुड़ा है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर देवताओं को मुक्ति दिलाई थी। इस विजय के बाद देवताओं ने स्वर्गलोक में दीप जलाकर उत्सव मनाया, तभी से इस दिन को “देव दीपावली” कहा जाने लगा। यही वजह है कि इस दिन की गंगा आरती भगवान शिव और गंगा मैया दोनों को समर्पित मानी जाती है।
गंगा आरती केवल पूजा नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और आंतरिक प्रकाश का प्रतीक मानी जाती है। जब भक्त गंगा तट पर दीप प्रवाहित करते हैं, तो वो अपने भीतर की नकारात्मकता, दुख और पापों को दूर करने की कामना करते हैं। दीपक का प्रकाश अंधकार और अज्ञान को मिटाकर मन को शांति और सकारात्मकता से भर देता है।
ऐसे होती है देव दीपावली की भव्य आरती
देव दीपावली की शाम बनारस के घाटों पर देखने लायक होती है। दशाश्वमेध घाट से लेकर अस्सी घाट तक हर ओर दीपों की कतारें सजती हैं। सैकड़ों पंडित मिलकर एकसाथ गंगा मैया की आरती करते हैं। आरती के समय चारों तरफ शंखनाद, मंत्रोच्चारण और घंटियों की ध्वनि से पूरा वातावरण गूंज उठता है। श्रद्धालु दीप प्रवाहित कर गंगा से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
पुण्य और आशीर्वाद पाने का शुभ अवसर
देव दीपावली के दिन गंगा स्नान, दीपदान, दान- पुण्य और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया हर शुभ कर्म अनेक गुना फल देता है। लोग अपने परिवार की सुख-शांति और मोक्ष की कामना करते हुए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
गंगा के तट पर दीप प्रवाहित करना न केवल धार्मिक परंपरा है, बल्कि ये आत्मा की शुद्धि और ईश्वर से जुड़ाव का प्रतीक भी है। कहा जाता है कि इस दिन की आरती में शामिल होने से पापों का नाश होता है और मन को दिव्य शांति मिलती है। इसलिए देव दीपावली का ये पर्व हर व्यक्ति के जीवन में भक्ति और सकारात्मकता का नया उजाला लेकर आता है।
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