वो मंदिर जहां एक ही जगह मिलते हैं 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन, भगवान राम ने बनाया था ये चमत्कारी धाम
- Shubhangi Pandey
- 11 Nov 2025 05:40:59 PM
तेलंगाना के कामारेड्डी जिले में स्थित श्री बुग्गा राम लिंगेश्वर मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है. कहा जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से ऐसा पुण्य मिलता है जैसे कोई व्यक्ति देशभर के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर आए. ये मंदिर मद्दिकुंटा गांव की पहाड़ियों पर स्थित है जहां तक पहुंचने के लिए भक्तों को कठिन यात्रा करनी पड़ती है.
भगवान श्रीराम ने की थी स्थापना
पौराणिक कथा के मुताबिक इस मंदिर की स्थापना भगवान श्रीराम ने की थी. जब वो लंकेश रावण का वध कर अयोध्या लौट रहे थे तो उन्हें सैकट लिंगम (भगवान शिव का प्रतीक) की पूजा करनी थी. लेकिन पूजा के लिए जल नहीं था. तब भगवान श्रीराम ने अपने बाण से एक झरने का निर्माण किया जिससे लगातार जल बहने लगा. यही झरना आज भी मंदिर परिसर में बहता है और इसी जल से भगवान शिव का अभिषेक होता है. इसी वजह से इस मंदिर को श्री बुग्गा राम लिंगेश्वर मंदिर कहा जाता है.
12 ज्योतिर्लिंग के समान दर्शन
मंदिर में प्रवेश करते ही कतारबद्ध रूप से बारह ज्योतिर्लिंग दिखाई देते हैं जिन पर निरंतर जल प्रवाहित होता रहता है. मान्यता है कि जो भक्त इन शिवलिंगों का दर्शन करता है, उसे सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का फल मिलता है. गर्भगृह में भगवान शिव माता पार्वती के साथ विराजमान हैं. यहां का जल औषधीय गुणों से भरपूर है और कहा जाता है कि इसके स्पर्श से कई तरह की बीमारियां दूर हो जाती हैं.
दर्शन से पहले कालभैरव के दर्शन जरूरी
मंदिर में भगवान बुग्गा राम लिंगेश्वर के दर्शन करने से पहले भक्तों को इसन्नापल्ली क्षेत्र में स्थित कालभैरव स्वामी के दर्शन करना अनिवार्य माना गया है. कहा जाता है कि बिना कालभैरव स्वामी के दर्शन किए बुग्गा राम लिंगेश्वर के दर्शन अधूरे माने जाते हैं.
मंदिर परिसर में नवग्रह और अन्य देवताओं के धाम
मंदिर का परिसर बहुत विशाल है. यहां नवग्रहों के नौ मंदिर, हनुमान मंदिर, गणेश मंदिर और संतान नाग मंदिर बने हैं. संतान नाग मंदिर में पूजा करने से संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है. परिसर में धर्मशाला, गोशाला, आश्रम और वीरभद्र बगीचा भी हैं. मंदिर से कुछ दूरी पर मंगला गौरी देवी का मंदिर है. भक्तों का मानना है कि मंगला गौरी को श्रृंगार चढ़ाने से महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है.
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