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Agra का रहस्यमयी लाल किला: Shahjahan को कैद करने वाली वो दीवारें, इस किले से जुड़ा है अनोखा इतिहास!

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आगरा का लाल किला सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि मुगल साम्राज्य की शान और इतिहास का जीवंत दस्तावेज है। ताजमहल से बस थोड़ी दूरी पर बने इस किले की दीवारें सैकड़ों राज छिपाए हुए हैं। कभी ये बादशाह अकबर का शाही ठिकाना था, तो कभी शाहजहां की कैदगाह। औरंगजेब ने अपने पिता को यहीं कैद किया था, जहां से वो ताजमहल को निहारते थे। आज ये किला पर्यटकों की आंखों का तारा है। आइए जानते हैं इस किले का रोमांचक इतिहास।  

अकबर का सपना, लाल पत्थर की शान  
आगरा का किला पहले बादलगढ़ के नाम से जाना जाता था। 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई के बाद ये मुगलों के कब्जे में आया। इतिहासकार राज किशोर शर्मा बताते हैं कि 1565 से 1573 तक बादशाह अकबर ने इसे लाल बलुआ पत्थर से दोबारा बनवाया। 1573 में किला बनकर तैयार हुआ और मुगल साम्राज्य की राजधानी बना। अकबर अपनी रानियों, दरबारियों और सेना के साथ यहीं रहते थे। इसकी विशाल दीवारें और भव्य निर्माण आज भी लोगों को हैरान करता है। ये किला दिल्ली के लाल किले का हमशक्ल है।  

शाहजहां ने बदला किले का रंग  
जब शाहजहां बादशाह बने, तो उन्होंने किले को नया रूप दिया। लाल पत्थरों की जगह सफेद संगमरमर लगवाया। मीना मस्जिद, नगीना मस्जिद और दीवान-ए-खास जैसे कई हिस्सों में संगमरमर की चमक बिखरी। शाहजहां ने किले में कई बड़े बदलाव किए, जो आज भी इसकी खूबसूरती बढ़ाते हैं। लेकिन यही किला उनकी जिंदगी का सबसे दुखद ठिकाना बन गया, जब उनके बेटे औरंगजेब ने उन्हें यहीं कैद कर लिया।  

औरंगजेब की बगावत, शाहजहां को कैद  
इतिहासकार राज किशोर शर्मा बताते हैं कि औरंगजेब अपने पिता शाहजहां से नाराज था, क्योंकि वो औरंगजेब को गद्दी सौंपने के पक्ष में नहीं थे। गुस्से में औरंगजेब ने 1658 में शाहजहां को आगरा किले में कैद कर दिया। उन्हें एक ऐसे कमरे में रखा गया, जहां की खिड़की से ताजमहल दिखता था। शाहजहां 8 साल तक यहीं कैद रहे और ताजमहल को निहारते रहे। उनकी मौत के बाद शव को नदी के रास्ते ताजमहल ले जाया गया, जहां मुमताज के पास दफनाया गया।  

आज भी आगरा की शान  
आज आगरा का लाल किला भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन है। हर साल हजारों देसी-विदेशी पर्यटक इसे देखने आते हैं। ताजमहल से नजदीक होने की वजह से इसकी रौनक और बढ़ जाती है। विदेशी पर्यटक इसके इतिहास को जानने के लिए खासे उत्साहित रहते हैं। किले की दीवारें, दरवाजे और महल मुगलकाल की शाही जिंदगी की कहानियां सुनाते हैं। ये किला न सिर्फ आगरा की शान है, बल्कि भारत के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक भी है।

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