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Jaipur की शान, दुनिया की सबसे बड़ी तोप ‘जयबाण’ का अद्भुत रहस्य! जानिए किन युद्धों की गवाह बनी

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प्राचीन काल से ही भारत में कई बड़े युद्ध हुए हैं. इन युद्धों में हथियारों का भी दबदबा बेहद अहम रहा है. जिस सेना के पास जैसे हथियार, युद्ध उसी हिसाब से लड़ा गया. लेकिन कुछ हथियार ऐसे हैं जिनका महत्व सभी युद्ध में रहा. इनमें से एक है तोप, जिसके गोलों से न जाने कितने लोगों को नुकसान हुआ. प्राचीन काल में तोप युद्ध का अहम हिस्सा रही लेकिन अब भी सेनाओं में तोप का वर्चस्व रहा. कहा जाता है कि पहली बार बाबर ने तोप को प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया.

जयबाण तोप क्या है ?
दुनिया की सबसे बड़ी तोप जयबाण है. ये जयपुर के किले में सुरक्षित रखी है. जयबाण तोप को महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने अपने 1699-1743 के शासनकाल के दौरान जयगढ़ में बनवाया था. अपनी रियासत की रक्षा के लिए उन्होंने इसका निर्माण किया था. ये एकमात्र ऐसी तोप है जिसे युद्ध के लिए बनवाया तो गया लेकिन कभी इस तोप का इस्तेमाल युद्ध के लिए नहीं हुआ. जय बाण तोप के बैरल की लंबाई 6.15 मीटर है और वजन 50 टन है. बैरल की नोक के पास की परिधि 2.2 मीटर है और पीछे की परिधि 2.8 मीटर है. बैरल के बोर का व्यास 11 इंच और टिप पर बैरल की मोटाई 8.5 इंच है. इस तोप को किले के अंदर बनवाया गया.

एक गोला ही 50-50 किलो का 
जयबाण तोप को दो पहिया गाड़ी में रखा गया है और पहिए करीब 1.37 मीटर व्यास के हैं. गाड़ी में परिवहन के लिए दो और पहिए भी हैं, जिनका व्यास करीब 9 फीट है. उस वक्त लगभग 100 किलो बारूद से 50 किलो वजनी गोले का इस्तेमाल किया जाता था. जानकार बताते हैं कि एक बार ट्रायल के रूप में इसे चलाया गया. ऐसा माना जाता है कि जब इससे गोला दागा गया तो गोला 35 किलोमीटर दूर चाकसू कस्बे में गिरा और वहां गिरने से तालाब बना.

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