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Mathura Flood 2025: 47 साल बाद Yamuna ने दिखाया विकराल रूप, बाजार और गलियां बनी तालाब

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मथुरा में यमुना नदी ने इस बार ऐसा विकराल रूप दिखाया है जिसने हर किसी को 1978 की भयावह बाढ़ की याद दिला दी। कई दशक बाद यमुना का जलस्तर इतना ऊपर पहुंचा है कि न सिर्फ नदी किनारे के घाट जलमग्न हो गए बल्कि बाजार और आवासीय क्षेत्र भी पानी में डूब गए। 2023 और 2010 की बाढ़ का रिकॉर्ड इस बार टूट चुका है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। सोमवार सुबह जलस्तर 166 मीटर के खतरे के निशान को पार करते हुए 166.67 मीटर तक पहुंच गया। दोपहर तक जलस्तर और बढ़कर 167.64 मीटर पर स्थिर हो गया जिससे लोगों की परेशानी कई गुना बढ़ गई।

खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना
रविवार रात यमुना का जलस्तर 167.50 मीटर दर्ज किया गया था। रातभर में इसमें 17 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई जिससे तटवर्ती और निचले इलाकों में पानी तेजी से भर गया। मथुरा जोन में स्वामी घाट पार कर यमुना का पानी बाजार मार्ग तक पहुंच गया। विश्राम घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुका है और यहां जाने वाले रास्तों पर पानी भरा हुआ है। बंगाली घाट के पास भी हालात बेकाबू होते दिखे जहां पानी बाजार मार्ग तक पहुंचकर करीब एक फीट और बढ़ गया। प्रशासन ने पहले से ही इन मार्गों को बंद कर दिया था लेकिन बढ़ते पानी ने हालात और गंभीर बना दिए।

बाजार और मोहल्लों में घुसा पानी
रविवार को हालात और बिगड़े जब यमुना का पानी शहर के भीतरी हिस्सों तक पहुंच गया। सदर क्षेत्र की गलियों में जलभराव होने लगा और अशोक विहार, जमुना पार रोड और महादेव घाट रोड पर करीब चार फीट तक पानी भर गया। नतीजा ये हुआ कि यहां का आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो गया। लोग घरों से निकलने में भी डर रहे हैं। दुकानों और मकानों में पानी घुसने से आर्थिक नुकसान की आशंका भी बढ़ गई है।

सैकड़ों घर जलमग्न, लोग परेशान
यमुना की खादर इस समय टापू जैसी स्थिति में है। यहां बने सैकड़ों घर पानी में डूब चुके हैं। कई परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शरण लेनी पड़ी है। बच्चों और बुजुर्गों को निकालने के लिए नावों और प्रशासनिक मदद का सहारा लिया जा रहा है। लोग जलभराव वाले क्षेत्रों में फंसे हुए हैं और उनका आना-जाना पूरी तरह बाधित है। हालात ये हैं कि जिन गलियों में कभी रौनक होती थी अब वहां सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है।

लोगों की बढ़ती मुश्किलें
बढ़ते जलस्तर ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है। बाजार बंद हो गए हैं और जरूरी सामान तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। कई जगह बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है लेकिन लगातार बढ़ते जलस्तर ने चिंता और बढ़ा दी है।

बता दें कि मथुरा में यमुना का ये विकराल रूप साफ संकेत दे रहा है कि हालात सामान्य होने में वक्त लगेगा। लोग 1978 की बाढ़ के बाद पहली बार इस तरह का मंजर देख रहे हैं और सबकी एक ही दुआ है कि जलस्तर अब और न बढ़े।

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