सिंधु के पानी से दिल्ली-हरियाणा की प्यास बुझेगी, पाकिस्तान में मचेगा हाहाकार! जानिए भारत का मास्टर प्लान
- Shubhangi Pandey
- 20 Sep 2025 05:13:09 PM
भारत ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका देने की ठान ली है। सिंधु नदी का पानी जो अब तक पाकिस्तान की ओर बहता था अब दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की प्यास बुझाएगा। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ऐलान किया कि सिंधु जल संधि के निलंबन से बचा पानी अगले एक से डेढ़ साल में इन राज्यों को मिलेगा। ये फैसला अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। खट्टर ने इसे ‘आपदा में अवसर’ करार दिया। दिल्ली के जल निकासी मास्टर प्लान 2025 के लॉन्च के दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जाने वाला पानी अब भारत के सूखे इलाकों को तर करेगा।
1960 की संधि रद्द, अब क्या?
1960 में बनी सिंधु जल संधि के तहत भारत को सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का पानी मिला, जो करीब 33 मिलियन एकड़ फीट है। वहीं सिंधु, झेलम और चिनाब का 135 मिलियन एकड़ फीट पानी पाकिस्तान को जाता था। पहलगाम हमले के बाद भारत ने इस संधि को रद्द कर दिया। अब ये पानी भारत के लिए उपलब्ध है। खट्टर ने बताया कि इस पानी को दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान तक पहुंचाने की योजना तैयार है। इसके लिए 113 किलोमीटर लंबी नहर बनाने का प्लान है, जो चिनाब का पानी रावी-ब्यास-सतलुज सिस्टम से जोड़ेगी। इससे इन राज्यों में पानी की किल्लत दूर होगी।
पाकिस्तान में बिगड़े हालात
संधि रद्द होने से पाकिस्तान में हाहाकार मच गया है। सिंधु बेसिन से वहां के 80% खेतों को पानी मिलता था। अब फसल उत्पादन ठप होने से उसकी अर्थव्यवस्था चरमरा रही है। बाढ़ और पानी की कमी ने हालात और बिगाड़ दिए। पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को ‘युद्ध की तरह’ बताया, मगर भारत ने साफ किया कि संधि पुरानी हो चुकी थी और आतंकी हमले ने आखिरी कील ठोक दी।
भारत की पानी की रणनीति
भारत इस मौके को भुनाने में जुट गया है। किशनगंगा और रतले जलविद्युत परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है। ये पानी न सिर्फ प्यास बुझाएगा बल्कि बिजली उत्पादन और खेती को भी बढ़ावा देगा। खट्टर ने कहा कि ये कदम दिल्ली और आसपास के राज्यों में पानी की कमी को दूर करने में गेम-चेंजर साबित होगा। इस प्लान से भारत की जल सुरक्षा मजबूत होगी और पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा।
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