Zubeen Garg केस में नया ट्विस्ट, सुरक्षा कर्मियों के खातों में करोड़ों का राज़, बैंक ट्रांजैक्शन ने हिलाई जांच एजेंसी
- Ankit Rawat
- 08 Oct 2025 05:56:17 PM
गायक ज़ुबीन गर्ग की रहस्यमयी मौत की जांच में नया मोड़ सामने आया है। असम पुलिस ने बुधवार को उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारियों (PSO)नंदेश्वर बोरा और प्रबीन बैश्य को निलंबित कर दिया। उन पर आरोप है कि उनके बैंक खातों में ₹1.1 करोड़ से अधिक के संदिग्ध लेनदेन पाए गए। सीआईडी के विशेष डीजीपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता के अनुसार, यह राशि उनके ज्ञात वेतन‑आय से कहीं अधिक है।
जांच के घेरे में
सूत्रों का कहना है कि दोनों अधिकारी दशक भर से ज़ुबीन गर्ग से जुड़े थे। जांच के दौरान उन पर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। बोरा के खाते में करीब ₹70 लाख और बैश्य के खाते में ₹40 लाख ट्रांसफर पाए गए हैं। ये लेनदेन गैप मायने रखते हैं क्योंकि इनकी आवक कथित तौर पर उनके वेतन से ज़्यादा है।
पूछताछ के बाद हुआ खुलासा
ज़ुबीन की मौत के सिलसिले में पहले ही जांच एजेंसियों ने इन दोनों अधिकारियों से कई बार पूछताछ की थी। उनका नाम गहन वित्तीय ट्रेल में आने पर अब निलंबन का निर्णय लिया गया। इस कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि इत्तफाक नहीं, बल्कि संभावित साजिश की जांच की राह पर जांच आगे बढ़ रही है।
अब तक कौन कौन हुआ गिरफ्तार?
इससे पहले ही इस मामले में संदीपन गर्ग गायक के चचेरे भाई को गिरफ्तार किया गया है। उन पर गैर इरादतन हत्या, आपराधिक षड्यंत्र और लापरवाही से मौत का आरोप है। इसके अलावा अन्य अभियुक्तों — जैसे श्यामकानु महंत, सिद्धार्थ शर्मा, शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृत प्रभा महंत को पहले ही हिरासत में लिया गया है। इस मामले में अब सिर्फ मौत की गुत्थी नहीं, बल्कि वित्तीय अनियमितताओं और संभावित साजिश की ओर बढ़ रहे हैं।
इस जांच में अब यह देखा जाना है कि क्या ये बैंक लेनदेन सिर्फ व्यक्तिगत कमाई का हिस्सा थे या किसी बड़े पैमाने की हेराफेरी और उपयोग का हिस्सा था। वहीं अब इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों जैसे ED और आयकर विभाग के शामिल होने की भी चर्चाएं हो रही हैं । कुल मिलाकर इस घटना ने जांच को एक व्यापक और जटिल दिशा दी है, जहां कलाकार की मौत के पीछे फाइनेंशियल साजिश की संभावना मजबूत होती दिख रही है।
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