मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर बड़ा खुलासा, Deepika Padukone ने खोला फिल्म इंडस्ट्री का काला सच!
- Ankit Rawat
- 10 Oct 2025 06:25:01 PM
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर दीपिका पादुकोण ने फिल्म इंडस्ट्री में मानसिक स्वास्थ्य, लैंगिक भेदभाव और कार्यस्थल की अव्यवस्था पर अपनी बेबाक राय रखी। ये बयान उनके द्वारा हाल ही में 'स्पिरिट' और 'कल्कि 2898 AD' जैसी फिल्मों से बाहर निकलने के बाद आया है, जिससे इंडस्ट्री में एक नई बहस छिड़ गई है।
भेदभाव पर बोलीं दीपिका
दीपिका ने बताया कि कैसे फिल्म इंडस्ट्री में पुरुष सितारे सालों से 8 घंटे की शिफ्ट में काम कर रहे हैं, लेकिन जब महिलाएं ऐसा करती हैं तो इसे विवादित बना दिया जाता है। उन्होंने इसे स्पष्ट लैंगिक भेदभाव करार दिया और कहा कि ये 'चलता है' की मानसिकता को बदलने की जरूरत है।
इसके साथ ही, दीपिका ने इंडस्ट्री की अव्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को एक व्यवस्थित उद्योग की तरह काम करने की आवश्यकता है, न कि एक अव्यवस्थित तरीके से। ये बयान उनके 'स्पिरिट' फिल्म से बाहर होने के बाद आया, जिसमें उनकी शिफ्ट की मांग को लेकर विवाद हुआ था।
मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा महत्वपूर्ण
दीपिका ने ये भी बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर खुलकर बात करने के लिए उनके परिवार का समर्थन महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा, "अगर मेरी मां ने मेरे लक्षणों को पहचाना नहीं होता, तो मुझे नहीं पता मैं आज किस स्थिति में होती।" दीपिका के इस बयान ने फिल्म इंडस्ट्री में मानसिक स्वास्थ्य और लैंगिक समानता को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। उनकी पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि इंडस्ट्री में सकारात्मक बदलाव आएगा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ेगी।
सोशल मीडिया पर आ रही प्रतिक्रियाएं
दीपिका के इस कदम को लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग उनकी पहल का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे प्रचार का हिस्सा मान रहे हैं। हालांकि, ये कहना मुश्किल है कि उनका इरादा क्या था, लेकिन ये निश्चित है कि उन्होंने एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर आवाज उठाई है।
दीपिका की ये पहल फिल्म इंडस्ट्री में मानसिक स्वास्थ्य और लैंगिक समानता को लेकर एक नई दिशा दिखाती है। उनकी आवाज़ से उम्मीद है कि इंडस्ट्री में सकारात्मक बदलाव आएगा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। दीपिका पादुकोण का ये कदम न केवल फिल्म इंडस्ट्री के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा है। उनकी पहल से ये संदेश जाता है कि मानसिक स्वास्थ्य और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर खुलकर बात करना जरूरी है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए दीपिका की पहल
दीपिका की इस पहल को लेकर उनकी फाउंडेशन 'लाइव लव लाफ' भी सक्रिय है, जो मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर काम करती है। उनकी फाउंडेशन ने कई कार्यक्रमों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने का काम किया है।
दीपिका की इस पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि फिल्म इंडस्ट्री में मानसिक स्वास्थ्य और लैंगिक समानता को लेकर सकारात्मक बदलाव आएगा। उनकी आवाज़ से ये संदेश जाता है कि हमें अपने कार्यस्थलों को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है, ताकि हर व्यक्ति को समान अवसर मिल सके।
दीपिका पादुकोण की ये पहल एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल फिल्म इंडस्ट्री, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा है। उनकी आवाज़ से ये संदेश जाता है कि मानसिक स्वास्थ्य और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर खुलकर बात करना जरूरी है, ताकि हम एक बेहतर समाज की ओर बढ़ सकें।
दीपिका पादुकोण की ये पहल एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल फिल्म इंडस्ट्री, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा है। उनकी आवाज़ से ये संदेश जाता है कि मानसिक स्वास्थ्य और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर खुलकर बात करना जरूरी है, ताकि हम एक बेहतर समाज की ओर बढ़ सकें।
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