रुला कर चला गया सबको हंसाने वाला, कॉमेडी की दुनिया का सितारा Asrani का 84 साल में निधन
- Ankit Rawat
- 21 Oct 2025 03:14:20 PM
एक्टर और कॉमेडियन गोवर्धन असरानी जिन्हें प्यार से असरानी के नाम से जाना जाता था उनका सोमवार को 84 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वो उम्र संबंधी बीमारियों के चलते पांच दिनों से अस्पताल में भर्ती थे।
जयपुर में हुआ था जन्म
असरानी का जन्म 1 जनवरी, 1940 को जयपुर में एक मध्यमवर्गीय सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता एक कालीन की दुकान चलाते थे लेकिन असरानी ने पारिवारिक व्यवसाय में कोई रुचि नहीं दिखाई। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल से पूरी की और बाद में राजस्थान कॉलेज, जयपुर से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए उन्होंने जयपुर में ऑल इंडिया रेडियो में एक वॉयस आर्टिस्ट के रूप में काम किया। 1960 से 1962 तक असरानी ने साहित्य कलाभाई ठक्कर से एक्टिंग की शिक्षा ली और बाद में 1964 में भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) पुणे में दाखिला लिया।
असरानी का बॉलीवुड करियर
उन्होंने 1967 में आई फ़िल्म 'हरे कांच की चूड़ियां' से बॉलीवुड में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की। जिसमें उन्होंने एक्टर विश्वजीत के दोस्त की भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने कई गुजराती फ़िल्मों में लीड हीरो के तौर में भी काम किया। असरानी की निभाई गई सबसे यादगार भूमिकाओं में से एक शोले में जेलर की भूमिका थी। उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी, गुलज़ार और बीआर चोपड़ा जैसे बड़े निर्देशकों की फ़िल्मों में भी वर्सेटाइल एक्टिंग किया है।
राजेश खन्ना से थी खास दोस्ती
असरानी राजेश खन्ना के करीबी दोस्त थे और उन्होंने उनके साथ लगभग 25 फिल्मों में अभिनय किया। जिसमें 1972 में बावर्ची भी शामिल थी। 2000 के बाद असरानी ने प्रियदर्शन की कॉमेडी फिल्मों में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने हेरा फेरी, आमदनी अट्ठानी खर्चा रुपैया, बागबान, चुप चुप के, गरम मसाला, बोल बच्चन और कई फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाईं। असरानी 2023 की कॉमेडी फिल्म ड्रीम गर्ल 2 का भी हिस्सा थे।
अपने पीछे छोड़ गए भरा पूरा परिवार
असरानी ने एक्ट्रेस मंजू बंसल से शादी की है। जिनसे उनकी मुलाकात आज की ताजा खबर और नमक हराम की शूटिंग के दौरान हुई थी। इस दंपति का एक बेटा नवीन असरानी है। बता दें कि करीब पांच दशक से ज्यादा के करियर में एक एक्टर और डायरेक्टर के रूप में असरानी के योगदान ने हिंदी सिनेमा पर एक अलग छाप छोड़ी है।
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