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Jubin Garg केस में नई हलचल, जल्द उठेगा बड़े राज से पर्दा, Singapore से आने वाले हैं चौंकाने वाले सबूत

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जुबीन गर्ग की मौत की जांच कर रही असम पुलिस की एसआईटी ने कहा है कि सिंगापुर पुलिस अगले 10 दिनों के भीतर भारत को अहम सबूत सौंप देगी। इसमें सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान शामिल होंगे। सिंगापुर पुलिस भी एक अलग जांच कर रही है। भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर जांच में सिंगापुर से सहयोग मांगा है। इस बीच असम सीआईडी के विशेष पुलिस महानिदेशक मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने कहा कि दोनों देशों की जांच एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। अब तक 70 से ज़्यादा लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।

मामले में 7 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
गुप्ता ने बताया कि वह और एसआईटी के सदस्य एसपी तरुण गोयल हाल ही में जांच के लिए सिंगापुर गए थे। उन्होंने भारतीय उच्चायुक्त और सिंगापुर पुलिस से मुलाकात की। गुप्ता ने कहा, "हमने सिंगापुर पुलिस से जुबिन के होटल और अन्य ठिकानों के सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं। अगले 10 दिनों में सारी जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी।" गायक जुबिन की 19 सितंबर को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान डूबने से मौत हो गई थी। उस समय वह 17 और लोगों के साथ एक नाव पर थे। वह चौथे नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में भाग लेने के लिए वहां गए थे। इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

SIT ने सिंगापुर में नाव का किया निरीक्षण 
एसआईटी प्रमुख गुप्ता ने कहा कि दोनों देशों की पुलिस जांच जल्द पूरी करने की कोशिश कर रही है ताकि तीन महीने के भीतर आरोप पत्र दाखिल किया जा सके। सिंगापुर पुलिस ने नाव के पायलट और असम एसोसिएशन सिंगापुर के एक सदस्य के बयान भी मांगे हैं।  चूंकि वो सिंगापुर के नागरिक हैं, इसलिए ये बयान केवल कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से ही प्राप्त किए जाएंगे।

परिवार के बयान भी हो चुके हैं दर्ज
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जुबीन गर्ग की पत्नी गरिमा और बहन पामे बोरठाकुर ने भी सीआईडी मुख्यालय में अपने बयान दर्ज कराए। असम पुलिस अब तक उस समय नाव पर मौजूद 11 असम मूल के प्रवासियों में से 10 से पूछताछ कर चुकी है। टीम ने सिंगापुर में घटनास्थल और उन सभी जगहों का दौरा किया जहां जुबीन अपने कार्यक्रम के दौरान गए थे।

उन्होंने कहा कि हमने असम एसोसिएशन सिंगापुर के जरिए किराए पर ली गई नाव का भी निरीक्षण किया। अंतर्राष्ट्रीय मामलों में आमतौर पर समय लगता है, लेकिन इस मामले में हमें तुरंत सहयोग मिल रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी भारतीय उच्चायुक्त के माध्यम से असम पुलिस को पहले ही सौंप दी गई थी। 17 अक्टूबर को सिंगापुर पुलिस ने कहा था कि प्रारंभिक जांच में साजिश या हत्या के कोई संकेत नहीं मिले हैं। लेकिन पूरी रिपोर्ट आने में लगभग तीन महीने लग सकते हैं। एसआईटी ने अब तक 60 से ज़्यादा प्राथमिकी दर्ज की हैं।

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