सलमान खान को आतंकवादी बताने वाला लेटर हुआ वायरल, एक्टर ने बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग बताया था
- Shubhangi Pandey
- 27 Oct 2025 03:52:35 PM
बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को आतंकवादी बताने वाला एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह लेटर पाकिस्तान सरकार ने जारी किया है। एक न्यूज चैनल के मुताबिक सलमान ने पिछले हफ़्ते सऊदी अरब में एक कार्यक्रम के दौरान बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग बताया था। जिसके बाद कथित तौर पर उनके ख़िलाफ़ यह कार्रवाई की गई। लेटर में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार ने सलमान को 'आतंकवाद विरोधी अधिनियम 1997' की चौथी अनुसूची में डाल दिया है। इस सूची में वो लोग शामिल हैं जिन पर आतंकवाद से जुड़े होने का संदेह है।
फर्जी बताया जा रहा लेटर
वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने इस खबर को फ़र्ज़ी बताया है। सलमान ने बलूचिस्तान से जुड़ा बयान 17 अक्टूबर को दिया था जबकि लेटर पर 16 अक्टूबर की तारीख़ अंकित है। इसके अलावा पाकिस्तान सरकार की ओर से भी इसी नंबर वाला एक और पत्र जारी किया गया था। इन सबके आधार पर दावा किया जा रहा है कि यह पत्र फ़र्ज़ी है।
रियाद में 'जॉय फोरम 2025' में दिया था बयान
सलमान 17 अक्टूबर को शाहरुख खान और आमिर खान के साथ रियाद में 'जॉय फोरम 2025' में भारतीय फिल्मों की पॉपुलैरिटी पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर आप यहां कोई हिंदी फिल्म रिलीज़ करेंगे तो वह सुपरहिट होगी। तमिल, तेलुगु या मलयालम फिल्में भी सैकड़ों करोड़ कमा सकती हैं क्योंकि बलूचिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लोग यहां काम करते हैं। इस बयान में सलमान ने बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग बताया था, जिसके बाद पाकिस्तानी मीडिया में सलमान खान की जमकर आलोचना हुई थी।
बलूच नेताओं ने सलमान के बयान को सराहा
बलूचिस्तान के कुछ नेताओं ने सलमान खान के बयान की सराहना की है। बलूच नेता मीर यार बलूच ने कहा - सलमान ने बलूचिस्तान को एक अलग पहचान दिलाकर 6 करोड़ बलूच लोगों का दिल जीत लिया है। यह हमारी आवाज़ को दुनिया तक पहुंचाने जैसा है। बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, लेकिन यहां के लोगों को बुनियादी ज़रूरतों के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ता है। पाकिस्तानी सेना पर यहां के लोगों की जायज़ मांगों को हथियारों के बल पर कुचलने का आरोप है।
क्या है बलूचिस्तान मामला?
बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) लंबे समय से पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ लड़ रही है। ब्रिटिश मानवाधिकार कार्यकर्ता पीटर टैचेल का मानना है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान की आज़ादी में देरी कर सकता है। हालांकि इसे हमेशा के लिए नहीं रोका जा सकता। इस बीच बलूच लेखक मीर यार का कहना है कि बलूचिस्तान अब आज़ादी से बस दो कदम दूर है। उन्होंने इसकी तुलना 1971 में बांग्लादेश की स्थिति से करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सेना और ख़ुफ़िया एजेंसियां इस हक़ीक़त को बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं।
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