कंगना रनौत पर आगरा कोर्ट में राष्ट्रद्रोह का केस, किसानों के अपमान के आरोप में होगी सुनवाई
- Shubhangi Pandey
- 13 Nov 2025 07:00:25 PM
हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ आगरा कोर्ट में राष्ट्रद्रोह का केस चलने जा रहा है. बुधवार को कोर्ट ने कंगना की दायर रिवीजन याचिका को स्वीकार कर लिया. अब मामला स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में जाएगा और कोर्ट में सुनवाई होगी.
क्यों हुआ मामला दर्ज?
किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति कथित अपमानजनक बयान देने के आरोप में 11 सितंबर 2024 को वादी वकील रमाशंकर शर्मा ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. आरोप है कि 26 अगस्त 2024 को दिए गए एक इंटरव्यू में कंगना ने ऐसे बयान दिए. जिससे किसानों और देशवासियों की भावनाएं ठेस पहुंची. स्पेशल जज लोकेश कुमार की कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गई. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा और अगली सुनवाई के लिए 29 नवंबर 2025 की तारीख तय की. कोर्ट ने आदेश दिया कि कंगना को उस दिन पेश होने के लिए तलब किया जा सकता है.
कंगना ने क्या कहा था?
बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने अगस्त 2024 में एक इंटरव्यू में कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान रेप और मर्डर हुए और अगर बिल वापसी न होती तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी. इसके बाद वादी वकील ने कंगना पर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की. वादी वकील रमाशंकर शर्मा ने बताया कि वे स्वयं किसान परिवार से हैं और 30 साल तक खेती- किसानी में लगे रहे. उन्होंने कहा कि कंगना ने हमारी और लाखों किसानों की भावनाओं को आहत किया.
महात्मा गांधी और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान
कंगना के बयान से सिर्फ किसानों की भावनाएं नहीं आहत हुई बल्कि उनके कथन के अनुसार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी अपमान हुआ. कंगना ने 7 नवंबर 2021 को एक बयान में कहा था कि आजादी तब मिली जब 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई. वादी वकील का कहना है कि इस बयान से महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की अवहेलना हुई. यही वजह थी कि उन्होंने कोर्ट में कंगना के खिलाफ मामला दर्ज कराया.
अगली सुनवाई की तैयारी
अब कोर्ट ने 29 नवंबर 2025 की तारीख तय की है और कंगना को उस दिन पेश होने के लिए तलब किया जा सकता है. अदालत दोनों पक्षों से और सबूत और बयान दर्ज करने के बाद निर्णय सुनाएगी. इस केस से जुड़े सभी पहलुओं पर नजर बनी हुई है क्योंकि इसमें न केवल किसानों की भावनाएं बल्कि स्वतंत्रता सेनानियों की याद और राष्ट्रपिता का सम्मान भी जुड़ा हुआ है.
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