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Diabetes कंट्रोल करने का नया तरीका, मशरूम खाएं और Blood Sugar रहेगा काबू!

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डायबिटीज आजकल एक आम समस्या बन चुकी है। खराब खान-पान और बेतरतीब जीवनशैली के चलते न सिर्फ बुजुर्ग बल्कि युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। लेकिन अब हिमाचल प्रदेश के सोलन से एक अच्छी खबर आई है। यहां की एक नई रिसर्च में पाया गया है कि मिल्की मशरूम नाम की एक खास मशरूम डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण हो सकती है। ये मशरूम न सिर्फ ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है बल्कि इंसुलिन सेंसिटिविटी को भी बेहतर बनाती है। आइए जानते हैं कि ये मशरूम इतनी खास क्यों है और कैसे ये डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

मिल्की मशरूम डायबिटीज का प्राकृतिक इलाज
सोलन के खुंब अनुसंधान निदेशालय ने तीन साल तक चली गहन रिसर्च के बाद मिल्की मशरूम को डायबिटीज कंट्रोल करने में असरदार पाया है। इस रिसर्च में 32 प्रयोगशालाओं में 321 से ज्यादा मशरूम की किस्मों का टेस्ट किया गया। नतीजों में मिल्की मशरूम ने बाजी मारी। ये मशरूम दूध की तरह सफेद होती है और इसकी सतह पर बटन मशरूम जैसे दाग नहीं होते। इसका स्वाद हल्का और पौष्टिक है। सबसे खास बात ये है कि इसे कम लागत में ज्यादा मात्रा में उगाया जा सकता है। यानी ये न सिर्फ सेहत के लिए अच्छी है बल्कि किसानों की जेब के लिए भी फायदेमंद है। 

क्यों है ये मशरूम खास?
रिसर्च में शामिल विशेषज्ञ सीएस वैद्या और एमएल शर्मा बताते हैं कि मिल्की मशरूम में ढेर सारा विटामिन-सी पाया जाता है। 100 ग्राम मशरूम में 8.60 ग्राम विटामिन-सी होता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन-बी3 और नाइसिन भी होता है। नाइसिन भोजन को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है जिससे शरीर में ग्लूकोज का स्तर संतुलित रहता है। फाइबर से भरपूर होने की वजह से ये मशरूम पाचन को बेहतर बनाती है और ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट और बायोएक्टिव कंपाउंड डायबिटीज मरीजों के लिए प्राकृतिक उपाय की तरह काम करते हैं।

डायबिटीज के मरीजों के लिए राहत
डायबिटीज के मरीजों के लिए ये मशरूम किसी वरदान से कम नहीं। खासतौर पर वो लोग जो दवाओं के साइड इफेक्ट से बचना चाहते हैं या प्राकृतिक तरीके से शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं। रिसर्च के मुताबिक नियमित रूप से मिल्की मशरूम खाने से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है और ब्लड शुगर का स्तर प्राकृतिक रूप से नियंत्रित रहता है। भारत में इस मशरूम की खेती तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले दो सालों में भारत इसकी खेती में जापान और चीन को पीछे छोड़ सकता है।

टाइप-2 डायबिटीज के शुरुआती लक्षण
डायबिटीज को समय रहते पहचानना जरूरी है। इसके कुछ शुरुआती संकेत हैं:
- बार-बार पेशाब आना
- बहुत ज्यादा प्यास लगना
- अचानक वजन बढ़ना या घटना
- धुंधला दिखाई देना
- घावों का देर से भरना

अगर आपको इनमें से कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपनी डाइट में मिल्की मशरूम जैसे पौष्टिक आहार शामिल करें।

कैसे खाएं मिल्की मशरूम?
मिल्की मशरूम को सब्जी सूप या सलाद के रूप में खाया जा सकता है। इसे हल्का पकाकर खाने से इसके पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। डायबिटीज मरीजों को इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। मिल्की मशरूम न सिर्फ डायबिटीज कंट्रोल करने का आसान और प्राकृतिक तरीका है बल्कि ये सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद है। सोलन की इस रिसर्च ने डायबिटीज मरीजों को एक नई उम्मीद दी है। तो अगर आप भी ब्लड शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो अपनी डाइट में इस चमत्कारी मशरूम को जरूर शामिल करें।

नोट- हर किसी का शरीर और उसमें चीजों का प्रभाव अलग होता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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