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पेट के ये 7 चेतावनी संकेत कभी नज़रअंदाज़ न करें, मामूली नहीं गंभीर हो सकता है मामला!

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हममें से कई लोग पेट फूलना, एसिडिटी या हल्की पेट की परेशानियों को व्यस्त जीवन का हिस्सा मान लेते हैं। लेकिन पाचन तंत्र शरीर का ऐसा संकेतक है जो अक्सर किसी बड़ी समस्या से पहले ही चेतावनी देता है। इन सात लक्षणों को हल्के में न लें — ये गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग, लीवर की समस्या, सूजन रोग या अन्य जटिलता की शुरुआत हो सकते हैं।

1. लगातार पेट फूलना और भरा हुआ महसूस होना
अगर खाने के बाद या बीच-बीच में पेट हमेशा फूलता रहता है, तो ये सामान्य गैस का परिणाम नहीं हो सकता। इसे धीमी आंत्र गतिविधि, आंत्र रोग (IBD) या अग्नाशय की कमी से जोड़कर देखा जाना चाहिए। महिलाओं में बार-बार पेट फूलना ओवेरियन (अंडाशय) से जुड़ी समस्या का भी संकेत हो सकता है।

2. बार-बार सीने में जलन या एसिड रिफ्लक्स
अगर आपको रोज़ाना या अक्सर सीने में जलन होती है, तो इसे हल्के गैस या खाना ज़्यादा होने की वजह न मानें। ये गेस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) का संकेत हो सकता है। इलाज न होने पर यह अन्नप्रणाली को नुक़सान पहुंचा सकता है।

3. लगातार कब्ज या दस्त
कब्ज को सामान्य निदान मानकर उसे अनदेखा करना जोखिम भरा हो सकता है। अगर कब्ज के साथ दस्त भी हो, खून या दर्द हो, तो इसे थायरॉइड समस्या, आंत्र गतिशीलता विकार या बड़ी समस्या की चेतावनी माना जाना चाहिए।

4. लंबे समय तक बना रहने वाला दस्त
अगर दस्त दो हफ्ते से ज़्यादा समय तक बना रहता है या बार-बार लौटता है, तो इसे हल्के संक्रमण से जोड़ने की बजाय संक्रमण, अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन रोग की शुरुआत मानें। सामान्य घरेलू इलाज सिर्फ लक्षणों को दबाता है, कारण नहीं हल करता।

5. त्वचा या आंखों का पीला पड़ना 
हल्का पीलापन यानी त्वचा या आंखों का हल्का yellowish होना, लिवर या पित्त नली की समस्या का संकेत हो सकता है। ये बिलीरुबिन के बढ़े स्तर की ओर इशारा करता है। ऐसे लक्षणों की अनदेखी से लीवर की जटिलताएं बढ़ सकती हैं। 

6. अस्पष्ट पेट दर्द
हर पेट दर्द गैस्ट्राइटिस नहीं होता। अगर दर्द बहुत ज़्यादा है, पीठ तक फैला है या लगातार बना रहता है, तो वो अग्नाशय या यकृत‑पित्त समस्या का संकेत हो सकता है। इसके साथ वजन कम होना भी चेतावनी है।

7. मल में खून या काला मल
मल में खून दिखे या मल काला, चिपचिपा हो तो ये संकेत कभी हल्के न लें। जबकि बवासीर आम वजह हो सकती है, लेकिन यह अल्सर या कोलोरेक्टल समस्या का निशान भी हो सकती है। शुरुआती जांच (कोलोनोस्कोपी / एंडोस्कोपी) जरूरी हो सकती है।

समय रहते लक्षण पहचानना ज़रूरी
पाचन समस्याएं अक्सर शुरुआती दौर में हल्की रहती हैं। लेकिन उन्हें अनदेखा करना भारी परेशानी खड़ी कर सकता है। अगर इनमें से कोई भी लक्षण लगातार दिखे, तो गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से संपर्क करें। समय रहते जाँच और इलाज बड़ी परेशानियों को रोक सकते हैं। आपका शरीर खुद चेतावनी देता है — सुनें, पहले कदम लें और स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ें।

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