फाइजर-मॉडर्ना वैक्सीन से कैंसर ट्रीटमेंट में मिला बूस्ट, reserch में बड़ा दावा
- Shubhangi Pandey
- 23 Oct 2025 05:25:51 PM
सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले COVID-19 टीके कुछ कैंसर रोगियों के लिए एक आश्चर्यजनक तौर पर फायदेमंद साबित हो रहे हैं। वो ट्यूमर से लड़ने में मदद करने के लिए उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत कर रहे हैं। नेचर पत्रिका में प्रकाशित प्रारंभिक रिसर्च के मुताबिक फेफड़ों या स्किन के कैंसर से पीड़ित लोग जो कुछ इम्यूनोथेरेपी दवाएं ले रहे थे अगर उन्हें इलाज शुरू करने के 100 दिनों के भीतर फाइजर या मॉडर्ना का टीका भी मिल जाए तो वो काफ़ी लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। इसका वायरस संक्रमण से कोई लेना-देना नहीं है।
क्या है रिसर्च में?
ह्यूस्टन में एम.डी. एंडरसन कैंसर सेंटर और फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला है। इसके अंतर्गत विशिष्ट टीकों को शक्ति प्रदान करने वाला अणु mRNA प्रतिरक्षा प्रणाली को अत्याधुनिक कैंसर उपचार के प्रति बेहतर प्रतिक्रिया देने में मदद करता है।
एमडी एंडरसन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. एडम ग्रिपिन ने कहा कि यह टीका पूरे शरीर में प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय करने के लिए एक सायरन की तरह काम करता है। हम प्रतिरक्षा-प्रतिरोधी ट्यूमर को प्रतिरक्षा चिकित्सा के लिए संवेदनशील बना रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर ने mRNA टीकों के बारे में संदेह पैदा कर दिया है। इस तकनीक के कुछ उपयोगों के लिए 500 मिलियन डॉलर के वित्तपोषण में कटौती की है।
कैंसर रोगियों के इलाज में मददगार रिसर्च!
लेकिन इस शोध दल को इसके परिणाम इतने आशाजनक लगे हैं कि अब इस पर एक और गहन अध्ययन तैयार किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या mRNA कोरोना वायरस टीकों को चेकपॉइंट इनहिबिटर नाम की कैंसर दवाओं के साथ जोड़ा जाना चाहिए। यह एक अंतरिम कदम है जब तक कि यह कैंसर में इस्तेमाल के लिए नए mRNA टीके तैयार नहीं कर लेता। एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली अक्सर कैंसर कोशिकाओं को ख़तरा बनने से पहले ही मार देती है। लेकिन कुछ ट्यूमर प्रतिरक्षा हमले से छिपने के लिए विकसित होते हैं। चेकपॉइंट इनहिबिटर इस आवरण को हटा देते हैं। यह एक शक्तिशाली उपचार है। कुछ लोगों की प्रतिरक्षा कोशिकाएं अभी भी ट्यूमर को नहीं पहचान पाती हैं।
वैज्ञानिकों ने रिसर्च को सराहा
मैसेंजर आरएनए या एमआरएनए, प्राकृतिक रूप से हर कोशिका में पाया जाता है और इसमें हमारे शरीर को प्रोटीन बनाने के लिए आनुवंशिक निर्देश होते हैं। हालांकि इसे कोविड-19 टीकों के पीछे नोबेल पुरस्कार विजेता तकनीक के रूप में जाना जाता है। वैज्ञानिक लंबे समय से व्यक्तिगत एमआरएनए उपचार टीके बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं को रोगी के ट्यूमर की विशेषताओं को पहचानने के लिए प्रशिक्षित करते हैं।
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के एमआरएनए विशेषज्ञ डॉ. जेफ कॉलर इस शोध से जुड़े नहीं थे उन्होंने कहा कि नया शोध एक बहुत अच्छा संकेत देता है कि शायद एक तैयार तरीका काम कर सकता है। यह दिखाता है कि एमआरएनए दवाएं हमें लगातार आश्चर्यचकित कर रही हैं कि वो मानव स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद हो सकती हैं।
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