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बढ़ती उम्र में पुरुषों में तेजी से बढ़ रहा है ये खतरा, एक समय के बाद हो सकता है घातक

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उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई तरह की दिक्कतें भी बढ़ने लग जाती हैं। इसी में से एक अल्ज़ाइमर रोग का खतरा है । दरअसल उम्र बढ़ने के साथ अल्ज़ाइमर रोग जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों का खतरा बढ़ जाता है। जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती  है दिमाग का आकार भी सिकुड़ता जाता है। जिससे समय के साथ ग्रे और व्हाइट मैटर दोनों नष्ट हो जाते हैं।

13 अक्टूबर 2025 को PNAS में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि दिमाग के सिकुड़ने की गति वास्तव में जेंडर के अनुसार अलग-अलग होती है। पुरुषों का दिमाग महिलाओं की तुलना में तेज़ी से सिकुड़ता है। तो अगर दिमाग के सिकुड़ने और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के बीच कोई संबंध है, तो यह महिलाओं में अल्ज़ाइमर रोग के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता के बारे में क्या कहता है?

स्टडी में क्या पाया गया? 
स्टडी में यह समझने का प्रयास किया गया कि उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क के टिश्यू, ग्रे और वाइट पदार्थ, पुरुषों में तेज़ी से सिकुड़ते हैं या महिलाओं में। रिसर्चर्स के अनुसार, उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों का मस्तिष्क विशेष रूप से कॉर्टेक्स आकार में छोटा होता जाता है और सिकुड़ता ज़्यादा है। हालांकि महिलाओं के मस्तिष्क के कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में आकार कम हो जाता है और कॉर्टेक्स की मोटाई कमोबेश स्थिर रहती है। कॉर्टेक्स सोच, याददाश्त और निर्णय लेने जैसे अहम कांसेप्ट स्किल्स से जुड़ा है।

हालांकि कम से कम बुढ़ापे तक याददाश्त से जुड़े मस्तिष्क के क्षेत्र हिप्पोकैम्पस के सिकुड़ने के मामले में पुरुषों और महिलाओं में कोई खास अंतर नहीं है। महिलाओं में इस क्षेत्र में गिरावट जीवन के बाद के सालों में ही देखी गई। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसा न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों के ज़्यादा जोखिम की वजह से होता है। इसके बजाय यह दर्शाता है कि महिलाएं ज़्यादा समय तक जीवित रह सकती हैं, इसलिए यह गिरावट बाद में दिखाई देती है क्योंकि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज़्यादा बार बुढ़ापे तक पहुंचती हैं।

 इसका क्या मतलब है?
यह दिलचस्प विरोधाभास निश्चित रूप से लोगों को हैरान कर देगा। बता दें कि अल्ज़ाइमर से पीड़ित लोगों का मस्तिष्क सिकुड़ा हुआ होता है  महिलाएं अल्ज़ाइमर को लेकर ज्यादा अधिक संवेदनशील होती हैं। लेकिन यहां एक पेच भी है । निष्कर्षों के आधार पर यह पता चलता है कि मस्तिष्क का सिकुड़ना हमेशा बीमारी का संकेत नहीं होता। यह प्राकृतिक उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का एक हिस्सा हो सकता है। फिर भी इस बात की पूरी तस्वीर बनाने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है कि महिलाओं में अल्ज़ाइमर का जोखिम अधिक क्यों होता है।

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