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सर्दियों में वूलन कपड़े बन रहे हैं खुजली की वजह? अपनाएं ये 7 स्किन-सेफ टिप्स!

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सर्दियां शुरू होते ही अलमारी से निकलने लगते हैं स्वेटर, जैकेट, मफलर और ऊनी शॉल। ये कपड़े ठंड से तो बचाते हैं, लेकिन कई बार त्वचा के लिए परेशानी का कारण भी बन जाते हैं। वूलन (Woolen) कपड़े सीधे स्किन के संपर्क में आने पर खुजली, रैशेज़ या छोटे-छोटे दाने जैसी समस्या पैदा कर सकते हैं। खासकर जिनकी त्वचा संवेदनशील (Sensitive Skin) होती है, उन्हें सर्दियों में यह दिक्कत और ज्यादा महसूस होती है। आइए जानते हैं कि वूलन कपड़ों का सही इस्तेमाल कैसे करें ताकि त्वचा को नुकसान न पहुंचे और आप ठंड के मौसम में भी रहें आरामदायक और स्किन-फ्रेंडली।

क्यों होती है खुजली और रैशेज़ की समस्या?
वूलन फैब्रिक के रेशे थोड़े खुरदरे होते हैं, जो त्वचा से रगड़ खाने पर जलन पैदा करते हैं। साथ ही, सर्दियों में हवा में नमी कम होने से त्वचा सूखी हो जाती है। सूखी त्वचा पर जब ऊनी कपड़े रगड़ खाते हैं, तो खुजली और दाने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ लोगों को ऊन से एलर्जी भी होती है, जिससे स्किन लाल या सूज सकती है।

कैसे करें वूलन कपड़ों का सही इस्तेमाल

1. कॉटन की परत जरूर पहनें
वूलन कपड़ों को सीधे त्वचा पर पहनने के बजाय पहले कॉटन या सूती कपड़ा पहनें। यह एक सुरक्षात्मक परत का काम करता है और ऊन के सीधे संपर्क को रोकता है।

2. माइल्ड डिटर्जेंट से धोएं
ऊनी कपड़ों को धोने के लिए हमेशा माइल्ड या वूल-स्पेशल डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें। हार्श केमिकल से ऊन के रेशे और भी खुरदरे हो जाते हैं, जिससे स्किन पर जलन बढ़ सकती है।

3. सही तरीके से सुखाएं
वूलन कपड़ों को धूप में सीधा न सुखाएं। इससे उनका टेक्सचर खराब होता है। इन्हें छांव में या कमरे के तापमान पर सुखाएं ताकि फाइबर मुलायम बना रहे।

4. त्वचा को रखें मॉइश्चराइज्ड
सर्दियों में स्किन को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है। नहाने के तुरंत बाद मॉइश्चराइजर या बॉडी ऑयल लगाएं। इससे स्किन पर एक परत बनती है जो ऊन की रगड़ से होने वाली खुजली को कम करती है।

5. एलर्जी हो तो चुनें ब्लेंडेड फैब्रिक
अगर आपको ऊन से एलर्जी है, तो पूरी ऊनी ड्रेस की जगह वूल-ब्लेंड यानी ऊन और कॉटन/एक्रिलिक मिश्रित कपड़े पहनें। ये हल्के, मुलायम और स्किन के लिए ज्यादा आरामदायक होते हैं।

6. कपड़ों को स्टोर करने से पहले साफ करें
सर्दियों के बाद ऊनी कपड़ों को रखने से पहले उन्हें अच्छी तरह धोकर सूखाएं। इससे उनमें जमा धूल, पसीना और बैक्टीरिया निकल जाते हैं, जो अगले सीजन में स्किन पर रिएक्शन का कारण बन सकते हैं।

7. कपड़ों को ज्यादा कसकर न पहनें
बहुत टाइट ऊनी कपड़े त्वचा को सांस लेने नहीं देते। इससे घर्षण और पसीना बढ़ता है, जो दाने जैसी समस्या पैदा कर सकता है। ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें।

घरेलू उपाय भी हैं कारगर
अगर खुजली या जलन महसूस हो तो नहाने के पानी में थोड़ा सा नारियल तेल या ओटमील पाउडर मिलाएं। इससे त्वचा को राहत मिलती है। साथ ही, रात में सोने से पहले एलोवेरा जेल या हल्का बॉडी लोशन लगाना भी फायदेमंद रहता है। बता दें कि वूलन कपड़े सर्दियों की जरूरत हैं लेकिन सही देखभाल और समझदारी से पहनने पर ये स्किन को नुकसान नहीं पहुंचाते। कॉटन की परत, मॉइश्चराइज़र और साफ-सफाई का ध्यान रखकर आप ठंड से भी बच सकते हैं और त्वचा को भी स्वस्थ रख सकते हैं।

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