Trump Tariff: 50% टैरिफ से निपटने का भारत का मास्टरप्लान, Nirmala Sitharaman ने निर्यातकों को दिया भरोसा!
- Ankit Rawat
- 28 Aug 2025 08:18:59 PM
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 27 अगस्त 2025 से भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ (25% रूस के तेल आयात और 25% पारस्परिक टैरिफ) लागू करने से भारत के निर्यात उद्योग के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. इस संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने रणनीति तैयार की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यातकों से मुलाकात कर भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ है और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से हल करेगी.
निर्यातकों को सरकार का समर्थन
26 अगस्त को नई दिल्ली में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन के नेतृत्व में निर्यातकों ने वित्त मंत्री से मुलाकात की. रल्हन ने बताया कि 50% टैरिफ से भारत के 55% निर्यात ($87 बिलियन) प्रभावित होंगे. खासकर झींगा, परिधान, हीरे, चमड़ा, और जूते-चप्पल जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में. इससे बाजार पहुंच, प्रतिस्पर्धा और रोजगार पर असर पड़ेगा. सीतारमण ने जवाब में कहा, “सरकार निर्यातकों के हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगी. हम वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अर्थव्यवस्था की स्थिरता और नौकरियों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
सरकार की रणनीति
सीतारमण ने बताया कि सरकार टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए कई कदम उठा रही है:
नए बाजारों की तलाश: निर्यातकों को वैकल्पिक बाजारों (जैसे यूके, ऑस्ट्रेलिया, यूएई) में अवसर तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
वित्तीय सहायता: एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ECGC) और एक्जिम बैंक के जरिए कम ब्याज दरों पर वित्तीय मदद दी जाएगी.
GST में राहत: सरकार दो-स्तरीय GST सिस्टम लागू करने की योजना बना रही है, जिसमें 12% और 28% टैक्स स्लैब को क्रमशः 5% और 18% करने का प्रस्ताव है. इससे उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और घरेलू मांग को बल मिलेगा.
आत्मनिर्भरता पर जोर: सीतारमण ने उद्योगों से स्वदेशी उत्पादन बढ़ाने और कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की.
किन क्षेत्रों पर असर?
टैरिफ का सबसे ज्यादा प्रभाव श्रम-प्रधान क्षेत्रों पर पड़ेगा. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, भारत के अमेरिका को निर्यात में 20-30% की कमी आ सकती है. इससे कपड़ा, रत्न-आभूषण और समुद्री खाद्य जैसे क्षेत्रों में लाखों नौकरियां खतरे में हैं.
सीतारमण ने कहा कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता को तेज करेंगे. भारत ने यूके और यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर भी बातचीत तेज कर दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत शांत रहकर कूटनीति से टैरिफ का जवाब देगा, न कि तुरंत जवाबी टैरिफ लगाएगा.
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