Nowgam Blast में क्या था राज, पुलिस स्टेशन कैसे बना मौत का मैदान? Faridabad कनेक्शन ने मचाया कोहराम! जांच में बड़ा ट्विस्ट
- Ankit Rawat
- 15 Nov 2025 04:03:01 PM
श्रीनगर के नौगाम थाने में देर रात हुआ भीषण धमाका पूरे शहर को दहला गया। इस हादसे में 12 लोगों की जान चली गई और 27 घायल हो गए। ज्यादातर मृतकों में पुलिसकर्मी और फोरेंसिक टीम के सदस्य शामिल हैं। धमाके के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर चली गईं। घायलों को श्रीनगर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है।
कब और कैसे हुआ धमाका?
अधिकारियों के मुताबिक ये धमाका उस समय हुआ जब पुलिस और फोरेंसिक टीमें फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से बरामद विस्फोटक सामग्री के नमूने निकाल रही थीं। डॉक्टर मुज़म्मिल गनाई के किराए के घर से 360 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था जिसमें अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर शामिल थे। इसी विस्फोटक के कुछ हिस्से को जांच के लिए नौगाम थाने में लाया गया था। नमूने निकालते वक्त अचानक जोरदार धमाका हो गया और कुछ ही सेकंड में पुलिस स्टेशन का एक हिस्सा मलबे में बदल गया।
धमाके से क्यों बढ़ा खतरा
धमाके के बाद लगातार छोटे-छोटे ब्लास्ट होने की वजह से बम स्क्वॉयड की टीम को तुरंत अंदर जाना मुश्किल हो गया। पुलिस स्टेशन की इमारत को काफी नुकसान पहुंचा। विस्फोटक का एक हिस्सा फोरेंसिक लैब में भी रखा हुआ था इसलिए सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर जांच कड़ी कर दी है।
फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल कैसे आया पकड़ में?
इस मॉड्यूल की कहानी अक्टूबर के मध्य से शुरू होती है जब नौगाम और आसपास की दीवारों पर पुलिस को धमकी देने वाले पोस्टर मिलने लगे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की फ्रेम-दर-फ्रेम जांच की जिससे तीन संदिग्धों की पहचान हुई। इनकी गिरफ्तारी के बाद शोपियां के मौलवी इरफान अहमद तक पुलिस पहुंची जिसने पोस्टर सप्लाई किए थे। पूछताछ की कड़ियां खुलती चली गईं और जांच अल-फलाह यूनिवर्सिटी तक पहुंची।
यहीं से दो डॉक्टर मुज़म्मिल अहमद गनाई और शहीन सईद गिरफ्तार हुए। इनके घरों से भारी मात्रा में रसायन और विस्फोटक मिले। जांच में सामने आया कि इस मॉड्यूल को तीन डॉक्टर मिलकर चला रहे थे। इनमें से एक उमर नबी वही कार चालक है जिसकी गाड़ी में 10 नवंबर को लाल किले के पास ब्लास्ट हुआ। ये धमाका पुलिस के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि विस्फोटक पहले ही सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ में आ चुका था। अब जांच इस बात पर केंद्रित है कि नमूने निकालते वक्त इतनी बड़ी चूक कैसे हुई और विस्फोटक में इतनी ताकत किस वजह से बनी रही। श्रीनगर पुलिस ने पूरे मॉड्यूल की गतिविधियों की नई सिरे से जांच शुरू कर दी है।
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