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PM Modi की Japan-China यात्रा, India-Japan शिखर सम्मेलन और SCO समिट में होगा ये खास!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 अगस्त 2025 को जापान और चीन की चार दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। यह दौरा भारत की कूटनीति और वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है। वो 29-30 अगस्त को जापान में 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन और 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी ने यात्रा से पहले एक्स पर पोस्ट कर इस दौरे की खास बातें साझा कीं।

जापान यात्रा रणनीतिक साझेदारी को देगी नई ऊंचाई  
जापान में पीएम मोदी जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह उनकी आठवीं जापान यात्रा और इशिबा के साथ पहला शिखर सम्मेलन है। दोनों नेता रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, तकनीक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। पीएम मोदी सेंडाइ में एक सेमीकंडक्टर कारखाने का दौरा करेंगे। जहां AI, उभरती तकनीकों और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर जोर होगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि यह यात्रा भारत-जापान की विशेष रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देगी और क्वाड जैसे मंचों पर सहयोग बढ़ाएगी। यह दौरा दोनों देशों के सांस्कृतिक बंधनों को और गहरा करेगा।

चीन में SCO समिट और द्विपक्षीय वार्ता
चीन के तियानजिन में पीएम मोदी SCO शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह उनकी 2018 के बाद पहली चीन यात्रा है। भारत 2017 से SCO का सदस्य है और 2022-23 में इसकी अध्यक्षता कर चुका है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत SCO में सक्रिय भूमिका निभाता है और आतंकवाद, अलगाववाद जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सदस्य देशों के साथ काम करता रहेगा। समिट के दौरान वो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकातें क्षेत्रीय शांति और सहयोग को बढ़ावा देंगी।

राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा 
पीएम मोदी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि यह यात्रा हमारे राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाएगी। क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, सुरक्षा, सतत विकास में योगदान देगी।” यह दौरा भारत-जापान के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने और SCO के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने की दिशा में अहम है। हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के बाद दोनों देशों ने सीमा पर शांति, व्यापार और उड़ानों को बहाल करने पर सहमति जताई थी, जो इस दौरे को और महत्वपूर्ण बनाता है।

क्यों अहम है यह यात्रा?
यह यात्रा भारत की कूटनीतिक ताकत को दर्शाती है। जापान के साथ तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग, SCO में क्षेत्रीय स्थिरता पर चर्चा भारत को वैश्विक मंच पर और मजबूत करेगी। विश्लेषक इस दौरे को भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका के रूप में देख रहे हैं।

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