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Africa में भारत की रक्षा ताकत की धमक, General Upendra Dwivedi के Algeria दौरे से खुला हथियारों का नया बाजार!

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भारत अपनी आत्मनिर्भरता और रक्षा उद्योग को वैश्विक स्तर पर ले जा रहा है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के हालिया अल्जीरिया दौरे ने भारत-अफ्रीका रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद उनका पहला विदेशी मिशन था, जिसका मुख्य उद्देश्य सैन्य सहयोग को मजबूत करना रहा। भारत और अल्जीरिया के बीच सैन्य संबंधों को बढ़ाने, प्रशिक्षण आदान-प्रदान और तकनीकी सहयोग पर चर्चा हुई। भारत अब अल्जीरिया की समान सैन्य उपकरणों का उपयोग करने की क्षमता के चलते प्रशिक्षण, रखरखाव और आधुनिकीकरण में सहायता प्रदान कर सकता है।

अल्जीरिया भारत का रणनीतिक साझेदार! 
अल्जीरिया हमेशा से माघरेब-सहेल क्षेत्र में अपनी रणनीतिक स्थिति और अफ्रीकी संघ में प्रभाव के कारण भारत के लिए महत्वपूर्ण है। 2023 में अल्जीरिया का सैन्य खर्च 18.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जो आधुनिकीकरण और प्रशिक्षण की जरूरतों को दर्शाता है। भारत ने इस अवसर को भुनाने के लिए जुलाई-अगस्त 2024 में अल्जीयर्स में रक्षा सेमिनार आयोजित की, जहां भारतीय कंपनियों ने यूएवी, सर्विलांस रडार और तोपखाना प्रणालियों को प्रदर्शित किया। पिछले साल नवंबर में दोनों देशों ने रक्षा सहयोग पर एक ऐतिहासिक समझौता किया था, जो दीर्घकालिक सैन्य साझेदारी की नींव रखता है।

आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति 
जनरल द्विवेदी ने अल्जीरिया के सैन्य नेतृत्व के साथ आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर विचार साझा किए। अल्जीरिया के विशाल हाइड्रोकार्बन भंडार भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। दोनों देश खुफिया जानकारी साझा करने और आतंकवाद विरोधी पहलों में सहयोग बढ़ा सकते हैं।

चीन की चुनौती और भारत का जवाब 
चीन ने अफ्रीका में अपनी सैन्य और आर्थिक मौजूदगी बढ़ाई है, खासकर जिबूती में अपने सैन्य अड्डे के जरिए। 2019-2023 के बीच 21 अफ्रीकी देशों ने चीनी हथियार खरीदे। भारत इसका जवाब मिशन सागर और AIKEYME जैसे समुद्री अभियानों से दे रहा है। अप्रैल 2024 में तंजानिया में आयोजित AIKEYME अभ्यास में 10 अफ्रीकी देश शामिल हुए। भारतीय नौसेना ने अल्जीरियाई नौसेना के साथ 2021 में पहला पासेक्स अभ्यास किया जो भारत की समुद्री उपस्थिति को दर्शाता है।

अफ्रीका में भारत की बढ़ती धमक 
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और सीडीएस जनरल अनिल चौहान के हालिया दौरों ने भारत-अल्जीरिया संबंधों को मजबूती दी। G20 में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता का समर्थन भारत की अफ्रीकी कूटनीति को दर्शाता है। वहीं अब जनरल द्विवेदी का दौरा भारतीय हथियारों और तकनीक के लिए अफ्रीका को एक बड़े बाजार के रूप में स्थापित करता है।

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