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भारतीय सेना के जवान की हत्या: NIA ने छत्तीसगढ़ में 5 नक्सलियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में भारतीय सेना के जवान की हत्या के मामले में पांच नक्सलियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह सनसनीखेज घटना 25 फरवरी 2024 को कांकेर के उसेली गांव में एक स्थानीय मेले के दौरान हुई थी, जिसमें सेना के हवलदार मोतीराम अचाला को निशाना बनाकर गोली मार दी गई थी। इस हमले को प्रतिबंधित माओवादी संगठन CPI (माओवादी) की साजिश का हिस्सा बताया गया है, जिसका मकसद स्थानीय लोगों में दहशत फैलाना और सुरक्षा बलों से जुड़े व्यक्तियों को निशाना बनाना था।

NIA ने इस मामले में मुख्य आरोपी आशु कोरसा सहित चार अन्य नक्सलियों- भवन लाल जैन उर्फ भुवन जैन, सुरेश कुमार सलाम, शैलेंद्र कुमार बघेल उर्फ गोलू, और अंदुराम सलाम- के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट जगदलपुर के NIA विशेष न्यायालय में 7 जून 2025 को दाखिल की गई। जांच में पता चला कि आशु कोरसा, जो CPI (माओवादी) की उत्तर बस्तर डिवीजन के कुयेमारी क्षेत्र समिति का सक्रिय सशस्त्र कैडर था, ने इस हत्या की साजिश रची थी। अन्य चार आरोपी, जो माओवादी संगठन के ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) और समर्थक थे, ने इस साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनका उद्देश्य न केवल मोतीराम की हत्या करना था, बल्कि क्षेत्र में आतंक फैलाकर स्थानीय लोगों को सुरक्षा बलों से दूर रखना था।

यह मामला शुरू में स्थानीय पुलिस ने दर्ज किया था, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के निहितार्थों के कारण 29 फरवरी 2024 को NIA ने इसे अपने हाथ में लिया। जांच के दौरान, NIA ने पाया कि आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से इस हमले को अंजाम दिया। मोतीराम अचाला, जो अपने पैतृक गांव उसेली में मेले में शामिल होने आए थे, को माओवादी कैडर ने सार्वजनिक रूप से गोली मार दी थी। इस हमले का मकसद स्थानीय लोगों में डर पैदा करना और सुरक्षा बलों के प्रति असंतोष को बढ़ावा देना था।

चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 120B (आपराधिक साजिश) और गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (UAPA) की धाराओं 16, 18, 20, 38, और 39 के तहत आरोप लगाए गए हैं। NIA ने अपनी जांच में यह भी उजागर किया कि ये आरोपी माओवादी संगठन की व्यापक साजिश का हिस्सा थे, जिसमें न केवल हत्या, बल्कि उगाही और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देना भी शामिल था।

मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) संजय कुमार वर्मा ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। हालांकि, NIA का कहना है कि जांच अभी जारी है, क्योंकि इस साजिश में अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। यह मामला माओवादी हिंसा और नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह घटना भारत के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करती है। NIA की कार्रवाई नक्सलवाद के खिलाफ कठोर रुख को दर्शाती है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस तरह के अपराधों के दोषियों को सजा मिले, जांच एजेंसी पूरी ताकत से काम कर रही है।

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