India-China डायरेक्ट फ्लाइट्स को मिली हरी झंडी: अक्टूबर 2025 से सीधी उड़ानें, व्यापार-पर्यटन को नई रफ्तार
- Ankit Rawat
- 31 Aug 2025 08:07:00 PM
चीन के तियानजिन में 31 अगस्त 2025 को हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में भारत और चीन के बीच रिश्तों को नई उड़ान मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू करने की उम्मीद जगाई है। पांच साल बाद ये सेवा अक्टूबर 2025 से शुरू हो सकती है। इससे यात्रियों का समय और पैसा बचेगा। बता देँ कि 2020 में कोविड-19 महामारी और गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प ने दोनों देशों के रिश्तों को तनावपूर्ण कर दिया। इसके चलते भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स मार्च 2020 से बंद हैं। उस वक्त आखिरी कमर्शियल फ्लाइट 20 मार्च 2020 को उड़ी थी। महामारी के बाद भारत ने चीनी कंपनियों पर कई पाबंदियां लगाईं। जिनमें फ्लाइट्स पर रोक भी शामिल थी। तब से यात्रियों को हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया या दुबई जैसे ट्रांजिट रूट्स से सफर करना पड़ रहा है।
ट्रांजिट फ्लाइट्स की परेशानियां
भारत और चीन के बीच गहरे व्यापारिक और सांस्कृतिक रिश्ते हैं। स्टूडेंट्स, बिजनेसमैन और तीर्थयात्री अक्सर दोनों देशों के बीच सफर करते हैं। लेकिन डायरेक्ट फ्लाइट्स न होने से यात्रियों को भारी दिक्कतें हो रही हैं। पहले दिल्ली से बीजिंग या शंघाई की फ्लाइट 6 घंटे में पहुंचा देती थी, जिसकी टिकट 35,000-50,000 रुपये थी। अब ट्रांजिट रूट्स की वजह से सफर 10-14 घंटे का हो गया है और टिकट की कीमत 60,000-90,000 रुपये तक पहुंच गई है। लंबा सफर और बार-बार फ्लाइट बदलने से यात्रियों की सेहत और जेब दोनों पर असर पड़ रहा है। खासकर कैलाश मानसरोवर यात्रा करने वालों को भारी परेशानी हो रही है।
कब शुरू होंगी डायरेक्ट फ्लाइट्स?
SCO समिट में भारत और चीन ने डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू करने पर सहमति जताई है। सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर 2025 से फ्लाइट्स शुरू हो सकती हैं। भारतीय एयरलाइंस जैसे एयर इंडिया और इंडिगो को तैयार रहने को कहा गया है। दोनों देश एक नए एयर सर्विसेज समझौते पर काम कर रहे हैं। शुरुआत में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता से बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझो और ल्हासा जैसे शहरों के लिए फ्लाइट्स शुरू हो सकती हैं। खासकर ल्हासा के लिए फ्लाइट्स से कैलाश मानसरोवर यात्रा आसान होगी। साल 2019 में भारत-चीन के बीच हर साल करीब 2,588 फ्लाइट्स चलती थीं, यानी रोजाना औसतन 7 उड़ानें। अब इनकी संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
क्या होंगे फायदे?
डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू होने से कई फायदे होंगे:
समय की बचत: 6 घंटे में सीधे चीन पहुंचा जा सकेगा, ट्रांजिट का 10-14 घंटे का झंझट खत्म।
कम खर्च: टिकट की कीमत 15-25% तक कम हो सकती है, जो यात्रियों की जेब पर राहत देगी।
बिजनेस और पर्यटन को बढ़ावा: आसान यात्रा से व्यापार, पर्यटन और स्टूडेंट एक्सचेंज को बढ़ावा मिलेगा। 2019 में 10 लाख से ज्यादा चीनी पर्यटक भारत आए थे, अब ये संख्या फिर बढ़ सकती है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा: ल्हासा के लिए फ्लाइट्स शुरू होने से तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी।
आर्थिक सहयोग: 2024 में भारत-चीन व्यापार 131 अरब डॉलर से ज्यादा था। डायरेक्ट फ्लाइट्स से ये और बढ़ेगा।
SCO समिट का महत्व
SCO समिट में मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात सात साल बाद हुई। इस दौरान दोनों देशों ने सीमा तनाव कम करने, व्यापार बढ़ाने और लोगों के बीच संपर्क मजबूत करने पर सहमति जताई। डायरेक्ट फ्लाइट्स का फैसला इस दिशा में बड़ा कदम है। अमेरिका के 50% टैरिफ के बाद भारत और चीन का करीब आना वैश्विक राजनीति में भी अहम है। अक्टूबर 2025 से भारत-चीन डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू होने की उम्मीद है, जो यात्रियों के लिए समय और पैसे की बचत करेगी। ये कदम दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करेगा और व्यापार, पर्यटन और तीर्थयात्रा को नई रफ्तार देगा।
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