SCO में Modi-Putin-Jinping की तिकड़ी का दम, Trump को दिखाया एकता का दमदार जवाब
- Shubhangi Pandey
- 01 Sep 2025 04:04:38 PM
चीन के तियानजिन में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तिकड़ी ने वैश्विक मंच पर एकता की मिसाल पेश की। पीएम मोदी ने पुतिन को गले लगाया और जिनपिंग के साथ भी गर्मजोशी से मुलाकात की। अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच ये मुलाकात खास मायने रखती है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तस्वीरें साझा कर लिखा, “तियानजिन में बातचीत का सिलसिला जारी। SCO समिट में पुतिन और जिनपिंग के साथ विचार साझा किए।”
सात साल बाद चीन में मोदी
ये पीएम मोदी की सात साल बाद पहली चीन यात्रा है। 1 सितंबर 2025 को तियानजिन में हुए SCO समिट में वो दुनिया के 20 से ज्यादा नेताओं के साथ शामिल हुए। इस दौरान उनकी पुतिन और जिनपिंग के साथ गर्मजोशी भरी मुलाकात ने सबका ध्यान खींचा। खासकर अमेरिका द्वारा भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर लगाए गए 50% टैरिफ के बाद ये समिट वैश्विक कूटनीति के लिहाज से अहम हो गया है। मोदी ने जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बातचीत में भारत-चीन रिश्तों को नई दिशा देने पर जोर दिया। दोनों देश 2020 के गलवान टकराव के बाद रिश्तों को पटरी पर लाने की कोशिश में हैं।
आतंकवाद पर सख्त रुख
SCO समिट का मुख्य फोकस आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से निपटना रहा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों आतंकवाद के शिकार रहे हैं। उन्होंने जिनपिंग से कहा कि दोनों देशों को मिलकर सीमा पार आतंकवाद से लड़ना होगा। समिट में सभी नेताओं ने इन तीनों चुनौतियों के खिलाफ एकजुटता दिखाई। आज यानी 1 सितंबर को एक समझौता हस्ताक्षर समारोह होगा, जिसके बाद संयुक्त बयान जारी किया जाएगा। ये बयान क्षेत्रीय शांति और सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम होगा।
मोदी-पुतिन की खास मुलाकात
समिट के बाद पीएम मोदी और पुतिन के बीच एक खास द्विपक्षीय बैठक होने वाली है। भारत और रूस के बीच रक्षा, व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्र में गहरी साझेदारी है। पुतिन के साथ मुलाकात में दिसंबर में उनकी भारत यात्रा की तैयारियां भी होंगी। दोनों नेताओं की गर्मजोशी भरी मुलाकात में गले मिलने का पल खास रहा। मोदी ने X पर लिखा, “पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात है।” ये मुलाकात रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत की रणनीतिक स्थिति को और मजबूत करती है।
वैश्विक मंच पर भारत की ताकत
SCO समिट में मोदी, पुतिन और जिनपिंग की मौजूदगी ने ग्लोबल साउथ की एकता को दर्शाया। जिनपिंग ने समिट में कहा कि SCO नया अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। भारत ने हमेशा SCO में सकारात्मक योगदान दिया है। मोदी ने समिट में क्षेत्रीय सहयोग और शांति पर जोर दिया। नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने भारत-चीन के बीच लिपु लेख पास से व्यापार पर आपत्ति जताई, लेकिन मोदी ने साफ किया कि शांति और स्थिरता भारत की प्राथमिकता है।
ट्रंप को जवाब
अमेरिका के टैरिफ और दबाव के बीच SCO समिट में भारत, रूस और चीन की तिकड़ी ने एकता का संदेश दिया। ये मुलाकात न सिर्फ क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाएगी, बल्कि वैश्विक कूटनीति में भारत की मजबूत स्थिति को भी दर्शाती है।
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