सिर्फ 2 रुपये की बढ़ोतरी और Zomato को मिलेगा करोड़ों का फायदा, जानिए कैसे
- Shubhangi Pandey
- 03 Sep 2025 08:08:48 PM
फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो और उसकी क्विक कॉमर्स सर्विस ब्लिंकिट की पेरेंट कंपनी एटरनल ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब से ग्राहकों को फूड ऑर्डर पर प्लेटफॉर्म फीस थोड़ी ज्यादा चुकानी पड़ेगी। दरअसल कंपनी ने मंगलवार को घोषणा की कि प्लेटफॉर्म चार्ज, जो पहले 10 रुपये था, अब बढ़ाकर 12 रुपये कर दिया गया है। यह बदलाव छोटा लग सकता है, लेकिन कंपनी के लिए ये “छोटा सा बदलाव” भारी मुनाफा लेकर आने वाला है।
क्यों खास है ये बढ़ोतरी?
पहली नजर में 2 रुपये की बढ़ोतरी मामूली लग सकती है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि इसका असर कितना बड़ा है। जोमैटो हर दिन लगभग 25 लाख ऑर्डर पूरे करता है। ऐसे में सिर्फ प्लेटफॉर्म फीस से ही कंपनी को रोजाना करीब 15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फायदा हो सकता है। सालाना हिसाब से देखें तो यह कमाई लगभग 180 से 200 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी।
ग्राहकों की नाराजगी
हालांकि इस फैसले से यूजर्स थोड़े नाराज हैं। कई ग्राहकों का कहना है कि पहले ही डिस्काउंट और ऑफर्स कम हो गए हैं और अब प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाकर कंपनी उन पर और बोझ डाल रही है। यानी खाने का बिल भले ही उतना ही हो, लेकिन “छुपे हुए चार्ज” धीरे-धीरे जेब पर ज्यादा भारी पड़ रहे हैं।
कंपनी को क्यों चाहिए ज्यादा पैसा?
अगर कंपनी की कमाई पर नजर डालें, तो इस फैसले की वजह साफ नजर आती है। जून तिमाही में जोमैटो का शुद्ध मुनाफा घटकर सिर्फ 25 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में कंपनी ने 253 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। दूसरी तरफ रेवेन्यू यानी कुल आमदनी बढ़कर 7,167 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो पिछले साल 4,206 करोड़ रुपये थी। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से ब्लिंकिट और नए कारोबार में कंपनी के आक्रामक निवेश की वजह से आई है।
प्लेटफॉर्म फीस बढ़ चुकी है कई बार
जोमैटो ने पहली बार 2 अगस्त 2023 को प्लेटफॉर्म चार्ज की शुरुआत की थी। तब फीस सिर्फ 2 रुपये थी। 2023 के अंत तक इसे बढ़ाकर 3 रुपये कर दिया गया। 1 जनवरी 2024 को यह बढ़कर 4 रुपये हो गई। दिसंबर 2023 के आखिर में अस्थायी तौर पर इसे 9 रुपये किया गया। इसके बाद स्थायी रूप से 10 रुपये तय की गई और अब सितंबर 2025 से यह फीस 12 रुपये हो गई है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में अगर कंपनी और बड़े निवेश करती रही तो प्लेटफॉर्म फीस में और बढ़ोतरी देखी जा सकती है। यानी ग्राहकों को ऑफर्स की जगह चार्ज ज्यादा चुकाने पड़ सकते हैं। हालांकि कंपनी के लिए यह एक स्मार्ट स्ट्रैटेजी है, क्योंकि लाखों ऑर्डर पर छोटा सा चार्ज भी अरबों का मुनाफा बन जाता है। यानी सीधी सी बात है जो ग्राहकों को 2 रुपये ज्यादा लग रहे हैं, वही जोमैटो की जेब में 200 करोड़ रुपये सालाना भर देंगे।
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