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नेपाल में उथल-पुथल: जनरेशन Z ने कानून मंत्री का घर फूंका, ओली सरकार संकट में, 9 मंत्रियों का इस्तीफा

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नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता ने एक नया मोड़ ले लिया है। जनरेशन Z के नेतृत्व में हुए उग्र प्रदर्शनों ने देश को हिलाकर रख दिया है। इन प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री के आवास को निशाना बनाया और उसे आग के हवाले कर दिया। यह घटना न केवल युवाओं के बढ़ते गुस्से को दर्शाती है, बल्कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार को गहरे संकट में डाल रही है। इस उथल-पुथल के बीच 9 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसने सरकार की स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह लेख इस संकट के कारणों और इसके दूरगामी परिणामों पर प्रकाश डालता है।

नेपाल के युवा, विशेष रूप से जनरेशन Z, सरकार की नीतियों, कथित भ्रष्टाचार और सामाजिक-आर्थिक समस्याओं से निपटने में विफलता से तंग आ चुके हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से संगठित होकर ये युवा अपनी मांगों को जोर-शोर से उठा रहे हैं। कानून मंत्री के घर पर हमला इस गुस्से का प्रतीक बन गया है, क्योंकि जनता सरकार पर अपने हितों की अनदेखी और भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। इस घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जिसने जनता के बीच सरकार विरोधी भावनाओं को और भड़काया है।

9 मंत्रियों के इस्तीफे ने ओली सरकार के लिए स्थिति को और जटिल कर दिया है। पहले से ही आंतरिक गुटबाजी और बाहरी दबावों से जूझ रही सरकार के लिए यह एक बड़ा झटका है। मंत्रियों के इस्तीफे को संकट से खुद को अलग करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इससे सरकार की कमजोरी और अस्थिरता और उजागर हुई है। ओली को अब न केवल अपनी सरकार को एकजुट रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि युवाओं की मांगों को संबोधित करने की भी जरूरत है। विपक्षी दल इस मौके का फायदा उठाकर ओली के नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं।

इस संकट के पीछे कई कारण हैं। आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई ने युवाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। इसके अलावा, सरकार पर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोपों ने जनता का विश्वास तोड़ा है। कानून मंत्री विशेष रूप से आलोचना के केंद्र में रहे हैं, क्योंकि उनकी नीतियों को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ और विशेष हितों को बढ़ावा देने वाला माना गया है। उनके घर को जलाना केवल एक हिंसक कृत्य नहीं, बल्कि अन्याय के खिलाफ जनता का एक सशक्त बयान है।

ओली सरकार की प्रतिक्रिया इस संकट को हल करने में निर्णायक होगी। अब तक, पुलिस की सख्त कार्रवाई ने प्रदर्शनकारियों को और भड़काया है। सरकार ने बातचीत की पेशकश की है, लेकिन प्रदर्शनकारी सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर संदेह जता रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से भारत और चीन जैसे पड़ोसी देश, नेपाल की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं, क्योंकि इसकी स्थिरता का क्षेत्रीय भू-राजनीति पर प्रभाव पड़ सकता है।

जनरेशन Z की भूमिका इस संकट में महत्वपूर्ण रही है। उनकी तेजी से संगठित होने और प्रभावी ढंग से आवाज उठाने की क्षमता ने नेपाल के विरोध प्रदर्शनों को एक नया रूप दिया है। यह घटना वैश्विक युवा आंदोलनों से तुलना की जा रही है। कानून मंत्री के घर को जलाना सरकार को चेतावनी है कि जनता की अनदेखी के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

निष्कर्ष में, नेपाल एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। कानून मंत्री के घर पर हमला और 9 मंत्रियों का इस्तीफा ओली सरकार के लिए गंभीर संकट का संकेत है। जनरेशन Z का आंदोलन नेपाल के राजनीतिक तंत्र में खामियों को उजागर कर रहा है। सरकार के सामने अब जनता का विश्वास जीतने, आर्थिक समस्याओं का समाधान करने और सार्थक संवाद की चुनौती है। इस संकट का परिणाम नेपाल के भविष्य को लंबे समय तक प्रभावित करेगा।

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