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दहक उठा Kathmandu! 21 लाशें, जलता PM House और भागते मंत्री, Oli के इस्तीफे के बाद कौन थामेगा सत्ता की डोर?

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नेपाल की राजधानी काठमांडू में युवाओं का गुस्सा आसमान छू रहा है। नौजवान सोशल मीडिया पर लगे बैन और भ्रष्टाचार के आरोपों से तिलमिला उठे थे। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ जोरदार हल्ला बोला। पुलिस ने इन पर जमकर लाठियां भांजीं और गोलियां चलाईं। नतीजा ये हुआ कि अब तक 21 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सोमवार को 19 मौतें हुईं और मंगलवार को दो और। ये आंकड़े देखकर पूरे देश में सनसनी फैल गई। युवा पीढ़ी का कहना है कि सरकार ने उनकी आवाज दबाने की कोशिश की लेकिन वो अब चुप नहीं रहेंगे। काठमांडू की सड़कें खून से लाल हो गईं और हवा में धुएं की चादर छा गई।

ओली ने क्यों ठुकरायी कुर्सी
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर दबाव इतना बढ़ गया कि उन्होंने मंगलवार दोपहर अपना इस्तीफा राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल को सौंप दिया। ये उनका चौथा कार्यकाल था जो अब खत्म हो गया। ओली ने अपने पत्र में लिखा कि देश में असामान्य हालात हैं। संविधान के अनुच्छेद 77 (1) (ए) के तहत वो पद छोड़ रहे हैं ताकि राजनीतिक रास्ता निकाला जा सके और समस्याओं का हल हो सके। इससे पहले सत्तारूढ़ गठबंधन के नेपाली कांग्रेस और नेपाली समाज पार्टी के कई मंत्री इस्तीफा दे चुके थे। होम मिनिस्टर रमेश लेखक और हेल्थ मिनिस्टर प्रदीप पौडेल जैसे बड़े नामों ने नैतिक आधार पर कुर्सी छोड़ी। अखबारों ने भी ओली से इस्तीफे की मांग की थी। एक रिपोर्ट के अनुसार ये सब जेन जेड के प्रदर्शनों की वजह से हुआ। ओली के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति ने इसे स्वीकार कर लिया। अब सवाल ये है कि अगला पीएम कौन बनेगा।

ओली का घर जलाया, संसद पर हमला
काठमांडू में मंगलवार को कर्फ्यू लगा था लेकिन प्रदर्शनकारी रुके नहीं। वो सड़कों पर उतर आए और झड़पें शुरू हो गईं। सिंह दरबार और संसद भवन में घुसने की कोशिश की गई। ओली का भक्तपुर में बालाकोट वाला घर तोड़ दिया गया और आग लगा दी गई। सोशल मीडिया पर इसके वीडियो वायरल हो गए। लोग चिल्ला रहे थे "केपी चोर देश छोड़"। नेपाली कांग्रेस के चीफ और पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा के बुधनीलकांठा वाले घर पर भी हमला हुआ। वहां तोड़फोड़ हुई। पूर्व मंत्री एनपी सऊद ने बताया कि स्थिति को काबू करने की कोशिश हो रही है। ट्रांसपोर्ट यूनियन ने भी पूरे देश में हड़ताल का ऐलान कर दिया। एयरपोर्ट बंद हो गया और फ्लाइट्स कैंसल। आर्मी ने हेलीकॉप्टर से मंत्रियों को बचाया। ये सब देखकर लग रहा है जैसे नेपाल में क्रांति की आग भड़क रही है।

आगे क्या होगा नेपाल में?
ओली के इस्तीफे से तो राहत मिली लेकिन प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहे। युवा पीढ़ी भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर डटे हैं। जनसंख्या का 43 प्रतिशत हिस्सा 15 से 40 साल के लोग हैं जो असमानता और बेरोजगारी से तंग हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी शांति की अपील की है। भारत ने अपने नागरिकों को सावधान रहने को कहा है। बॉर्डर पर अलर्ट है। अब राष्ट्रपति को नई सरकार बनाने का काम सौंपा जाएगा। नेपाली कांग्रेस में फूट है। कुछ नेता ओली के खिलाफ हैं। संभव है जल्दी चुनाव हों। काठमांडू मेयर बलेंद्र शाह को इंटरिम पीएम बनाने की मांग उठ रही है। ये संकट नेपाल की राजनीति को हमेशा के लिए बदल सकता है। जेन जेड ने साबित कर दिया कि उनकी ताकत कम नहीं।

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