Nepal के Gen Z आंदोलन से हाहाकार, सैकड़ों मजदूर पलायन कर भारत की ओर! सीमा पर Alert
- Ankit Rawat
- 09 Sep 2025 07:57:49 PM
नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ भड़के Gen Z आंदोलन ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। दो दिन से काठमांडू और अन्य शहरों में हिंसक प्रदर्शन चल रहे हैं। 22 लोग मारे जा चुके हैं और 400 से ज्यादा घायल हैं। इस बवाल के बीच नेपाल के सीमावर्ती इलाकों से सैकड़ों लोग रोजगार की तलाश में भारत की ओर पलायन कर रहे हैं। मंगलवार शाम झरौखर बॉर्डर पर मजदूरों की भीड़ देखी गई। ये लोग पंजाब, दिल्ली और अन्य राज्यों में काम की तलाश में जा रहे हैं। नेपाल के कचोरवा, सोनरनिया, बंकुल, सिमरौनगढ़ और मौलापुर जैसे इलाकों के रहने वाले मनोज शाह, राम बाबू यादव, उमेश प्रसाद, गोपाल दास और आशीष कुमार जैसे मजदूरों ने बताया कि आंदोलन ने उनकी रोजी-रोटी छीन ली है।
मजदूरों की मजबूरी!
पलायन करने वाले मजदूरों ने बताया कि नेपाल में हालात जल्दी सुधरते नहीं दिख रहे। परिवार का पेट पालने के लिए उन्हें भारत आना पड़ रहा है। मनोज शाह ने कहा कि पहले वो नेपाल में ही छोटा-मोटा काम करते थे, लेकिन अब वहां कोई काम नहीं बचा। राम बाबू यादव ने बताया कि घोड़ासहन स्टेशन से ट्रेन पकड़कर वो दिल्ली जा रहे हैं, जहां कोई भी काम मिल जाए कर लेंगे। इन मजदूरों का कहना है कि आंदोलन से आम लोगों को सिर्फ नुकसान हो रहा है। कोई फायदा नहीं दिखता। भारत-नेपाल का खुला बॉर्डर इनके लिए उम्मीद की किरण है, क्योंकि 1950 के शांति और मैत्री संधि के तहत दोनों देशों के नागरिक बिना वीजा आ-जा सकते हैं। लेकिन इस बार हालात अलग हैं।
सीमा पर SSB और पुलिस की सख्ती
नेपाल में हिंसा को देखते हुए भारत ने सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। सशस्त्र सीमा बल (SSB) और यूपी पुलिस ने बहराइच, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर जैसे जिलों में निगरानी बढ़ा दी है। झरौखर और सोनौली बॉर्डर पर अतिरिक्त जवान तैनात हैं। ड्रोन और मेटल डिटेक्टर से जांच हो रही है। SSB के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल अखिलेश्वर सिंह ने बताया कि हर आने-जाने वाले की सख्त जांच हो रही है ताकि कोई गड़बड़ न हो। सोनौली में भंसार कार्यालय बंद होने से मालवाहक गाड़ियों की लंबी कतार लग गई है। कई सैलानी भी नेपाल में फंस गए हैं।
भारत-नेपाल रिश्तों पर नजर
नेपाल में बिगड़ते हालात ने भारत को सतर्क कर दिया है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में हैं और तीन दिन तक धार्मिक-सामाजिक आयोजनों में हिस्सा लेंगे। लेकिन उनकी नजर नेपाल की स्थिति पर भी है। गोरखनाथ मठ का नेपाल के शाह वंश से पुराना रिश्ता है। योगी पहले भी नेपाल में हिंदू राष्ट्र की वकालत कर चुके हैं। अब इस पलायन और हिंसा ने दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी के रिश्तों को प्रभावित किया है। मजदूरों का कहना है कि वो सिर्फ काम चाहते हैं, ताकि परिवार भूखा न रहे। भारत सरकार ने अपने नागरिकों को नेपाल में सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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