नेपाल में पीएम की रेस में ट्विस्ट, सुशीला कार्की हुईं पीछे, कुलमन घिसिंग की एंट्री, जेन-जी ने बदली गेम!
- Shubhangi Pandey
- 11 Sep 2025 05:38:54 PM
नेपाल में जेन-जी प्रोटेस्ट्स ने सियासी तूफान मचा रखा है। भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ प्रदर्शनों ने पीएम केपी शर्मा ओली का इस्तीफा करा दिया। सेना ने कर्फ्यू लगाकर मोर्चा संभाला। अब इंटरिम पीएम की रेस में नया मोड़ आ गया। पहले पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का नाम पक्का माना जा रहा था लेकिन उन्होंने नाम वापस ले लिया। अब कुलमन घिसिंग फ्रंटरनर बन गए हैं। जेन-जी प्रदर्शनकारियों ने खुद कुलमन को आगे किया। नेपाल में नई सरकार और स्थिरता का सवाल बना हुआ है।
सुशीला कार्की क्यों हटीं पीछे?
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रहीं। 72 साल की उम्र में उनकी भ्रष्टाचार विरोधी इमेज ने जेन-जी को इम्प्रेस किया। 10 सितंबर को 5,000 से ज्यादा युवाओं की वर्चुअल मीटिंग में उनका नाम सबसे आगे था। काठमांडू मेयर बालेंद्र शाह ने भी सपोर्ट किया। लेकिन गुरुवार को आर्मी चीफ अशोक राज सिग्देल से मीटिंग के बाद सुशीला ने पीछे हटने का फैसला लिया। जेन-जी के कुछ ग्रुप्स ने उनकी उम्र और पॉलिटिकल एक्सपीरियंस पर सवाल उठाए। सुशीला खुद इंटरिम पीएम नहीं बनना चाहती थीं। उन्हें मनाने के लिए आर्मी चीफ ने 15 घंटे बात की थी। सुशीला ने भारत-नेपाल रिश्तों की तारीफ की और पीएम मोदी को सम्मान दिया।
कुलमन घिसिंग कैसे बने हीरो?
कुलमन घिसिंग नेपाल में लोड शेडिंग खत्म करने वाले 'लाइट मैन' हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियर कुलमन ने भारत के जमशेदपुर से पढ़ाई की। 2016-2020 और 2021-2025 में नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के एमडी रहे। काठमांडू में 18 घंटे की बिजली कटौती को खत्म किया। बिजली चोरी रोकी, सिस्टम सुधारा और एनईए को मुनाफे में लाया। मार्च 2025 में उन्हें हटाया गया। आरोप लगे कि भारत से बिजली डील में नियम तोड़े। लेकिन उनकी ईमानदार छवि बरकरार रही। जेन-जी ने कुलमन को गैर-पॉलिटिकल और रिफॉर्मर माना। वर्चुअल मीटिंग में उनका नाम उछला और आर्मी चीफ ने भी हामी भरी।
जेन-जी का प्लान क्या?
जेन-जी चाहते हैं कि कुलमन एक न्यूट्रल इंटरिम गवर्नमेंट लीड करें। जल्दी इलेक्शन हों और भ्रष्टाचार खत्म हो। कुलमन ने कहा कि युवाओं और क्लीन इमेज वालों की सरकार बने। उनकी भारत ट्रेनिंग और पावर सेक्टर सुधारों ने उन्हें फेवरिट बनाया। अब आर्मी चीफ और राष्ट्रपति से अप्रूवल बाकी है। अगर कुलमन पीएम बने तो नेपाल में स्थिरता आ सकती है। भारत ने शांति की अपील की है। क्या कुलमन नेपाल को नई दिशा देंगे? सबकी नजरें इस सस्पेंस पर टिकी हैं।
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