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चीन-बालकनी में, भारत-घर के अंदर और खुद नेपाल किराए पर! जानिए भारत से क्या लेता है और खुद कैसे कमाता है

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नेपाल इन दिनों राजनीतिक और आर्थिक संकट से गुजर रहा है। जनरेशन Z के विरोध प्रदर्शनों के बाद हालात अराजक हो गए हैं। सेना ने भले ही देश की कमान संभाल ली हो, लेकिन पेट्रोल से लेकर दवाइयों तक की भारी कमी सामने आने लगी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि नेपाल किन देशों पर कितना निर्भर है और अपनी कमाई खुद कैसे करता है?

चीन से क्या आता है नेपाल में?
नेपाल की इंडस्ट्री और बाजार में जो हाईटेक और बड़े सामान मिलते हैं, वो ज़्यादातर चीन से आते हैं। इनमें शामिल हैं:

मोबाइल, स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स
पंखे, फ्रिज, एसी जैसे बिजली के उपकरण
कार, बाइक, ट्रक और उनके स्पेयर पार्ट्स
रेडीमेड कपड़े, प्लास्टिक के सामान और फर्नीचर
मशीनें और निर्माण से जुड़ा भारी सामान
दवाइयां और मेडिकल इक्विपमेंट
चीन से सामान आने का रास्ता मुश्किल और लंबा है। ज्यादातर माल सड़क से ही आता है, जिसमें वक्त भी ज्यादा लगता है।

भारत से क्या भेजा जाता है नेपाल?
भारत से नेपाल का व्यापार बहुत आसान और तेज है। दोनों देशों के बीच खुली सीमा है और हर दिन सैकड़ों ट्रक नेपाल में सामान पहुंचाते हैं। भारत से नेपाल में जो जरूरी चीजें जाती हैं, उनमें शामिल हैं:

* पेट्रोल, डीज़ल, मिट्टी का तेल
* चावल, गेहूं, दालें, तेल, चीनी
* दवाइयां और मेडिकल इक्विपमेंट
* ट्रक, दोपहिया, कृषि मशीनें
* कपड़े, जूते और रोजमर्रा की चीजें
* सीमेंट, लोहा और अन्य कच्चा माल

भारत से नेपाल का व्यापार इतना मजबूत है कि अगर एक दिन भी आपूर्ति रुक जाए, तो वहां रोजाना की जिंदगी ठप हो सकती है।

बाकी दुनिया से क्या आता है?
नेपाल अमेरिका, यूरोप, जापान, कोरिया जैसे देशों से भी सामान मंगाता है:
महंगी दवाइयां, ब्रांडेड कपड़े और लक्ज़री आइटम
जापानी और कोरियन गाड़ियां
वैज्ञानिक उपकरण और मेडिकल मशीनें
उर्वरक और केमिकल्स
लेकिन इनका हिस्सा चीन और भारत के मुकाबले बहुत कम है।

नेपाल खुद कैसे कमाता है?

1. पर्यटन से बड़ी कमाई
नेपाल हिमालय, ट्रेकिंग रूट्स और धार्मिक जगहों के लिए मशहूर है। हर साल लाखों विदेशी पर्यटक यहां आते हैं, जिससे होटल, ट्रांसपोर्ट और गाइड जैसी सेवाओं से मोटी कमाई होती है।

2. रेमिटेंस है जीवनरेखा
लाखों नेपाली युवक खाड़ी देशों, मलेशिया और भारत जैसे देशों में काम करते हैं। वो जो पैसे घर भेजते हैं, वही नेपाल की जीडीपी का 25-30% तक हिस्सा बनता है।

3. थोड़ा बहुत एक्सपोर्ट भी
नेपाल से कुछ चीजें विदेशों में जाती हैं, जैसे चाय, इलायची, अदरक, जड़ी-बूटियां, पश्मीना शॉल और लकड़ी के हस्तशिल्प। निर्यात कम है लेकिन फॉरेन करंसी लाने में मदद करता है।

4. विदेशी मदद पर निर्भरता
नेपाल को भारत, चीन, अमेरिका, जापान और वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाओं से आर्थिक सहायता मिलती है। सड़क, स्कूल, अस्पताल और अन्य प्रोजेक्ट्स इसी से चलते हैं।

नेपाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वो आत्मनिर्भर कैसे बने। जब तक खुद की कमाई नहीं बढ़ेगी, तब तक उसे दूसरे देशों पर निर्भर रहना ही पड़ेगा। और संकट की हर घड़ी में ये निर्भरता भारी पड़ सकती है।

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