सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम सिर्फ 36 मिनट में, अडाणी ग्रुप बनाएगा एशिया का सबसे बड़ा रोपवे प्रोजेक्ट
- Shubhangi Pandey
- 17 Sep 2025 02:07:54 PM
केदारनाथ धाम के दर्शन अब और आसान होने वाले हैं। सोनप्रयाग से बाबा केदारनाथ तक का घंटों का पैदल सफर जल्द ही मिनटों में पूरा होगा। अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को 12.9 किलोमीटर लंबे रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण की जिम्मेदारी मिली है। राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (NHLML) ने इसके लिए अडाणी ग्रुप को लेटर ऑफ अवार्ड जारी किया है।
9 घंटे की पैदल चढ़ाई अब सिर्फ 36 मिनट में
अभी श्रद्धालुओं को केदारनाथ पहुंचने के लिए 8 से 9 घंटे की कठिन पैदल यात्रा करनी पड़ती है। कई लोग खच्चरों का सहारा लेते हैं तो कुछ हेलीकॉप्टर से जाते हैं, जो बेहद महंगा होता है। लेकिन रोपवे प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद यही दूरी सिर्फ 36 मिनट में पूरी हो जाएगी। इस रोपवे की क्षमता प्रति घंटे प्रति दिशा 1800 यात्रियों की होगी। इसका मतलब है कि हर साल आने वाले करीब 20 लाख श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी।
महंगे हेलीकॉप्टर से सस्ती सवारी तक
अब तक जो लोग लंबी पैदल यात्रा नहीं कर पाते थे उन्हें हेलीकॉप्टर का सहारा लेना पड़ता था। ये सफर जेब पर भारी पड़ता था और हर किसी के बस की बात नहीं थी। लेकिन अब रोपवे सवारी से श्रद्धालु सुरक्षित और आसान तरीके से बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे।
4,081 करोड़ का निवेश और 6 साल में तैयार होगा प्रोजेक्ट
इस मेगा प्रोजेक्ट पर कुल 4,081 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अडाणी एंटरप्राइजेज इसे अपने सड़क, मेट्रो, रेल और जल विभाग के तहत विकसित करेगी। निर्माण कार्य पूरा होने में करीब 6 साल लगेंगे। इसके बाद अडाणी ग्रुप अगले 29 साल तक इसका संचालन और रखरखाव करेगा। ये प्रोजेक्ट राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम पर्वतमाला का हिस्सा है और इसे PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर तैयार किया जाएगा।
रोजगार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
रोपवे प्रोजेक्ट सिर्फ श्रद्धालुओं की यात्रा आसान नहीं करेगा बल्कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगा। स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी। इस आधुनिक बुनियादी ढांचे से न सिर्फ आस्था मजबूत होगी बल्कि पहाड़ी इलाकों के विकास को भी गति मिलेगी।
गौतम अडाणी का बयान
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा कि केदारनाथ रोपवे सिर्फ एक इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि भक्ति और आधुनिक तकनीक के बीच का पुल है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से हम श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान कर रहे हैं और साथ ही उत्तराखंड में नए अवसरों के दरवाजे खोल रहे हैं।
बता दें कि अडाणी का ये रोपवे प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद न सिर्फ भक्तों का सफर आसान होगा बल्कि केदारनाथ यात्रा का अनुभव भी बिल्कुल बदल जाएगा।
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