देशभर में चलेगा मतदाता सूचियों की बड़ी सफाई, 15 करोड़ से ज्यादा नाम हट सकते हैं
- Ankit Rawat
- 22 Sep 2025 12:13:41 PM
चुनाव आयोग ने पूरे देश में मतदाता सूचियों की बड़ी जांच शुरू करने की तैयारी कर ली है। इसे विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR कहा जाता है। आयोग ने राज्य चुनाव अधिकारियों को 30 सितंबर तक तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। इस प्रक्रिया में पुराने रिकॉर्ड्स से मिलान करके अवैध विदेशी नागरिकों और दोहरे नामों को हटाया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बार 15 करोड़ से ज्यादा नाम कट सकते हैं।
क्यों हो रहा है ये विशेष पुनरीक्षण
आयोग का मकसद मतदाता सूचियों को पूरी तरह साफ करना है। कई राज्यों में लंबे समय से विदेशी नागरिकों और दोहरे पहचान पत्र वालों को लेकर शिकायतें मिल रही थीं। अब जन्मस्थान और अन्य दस्तावेजों की जांच कर नामों का मिलान किया जाएगा। यही वजह है कि चुनाव आयोग ने सभी राज्यों को चेतावनी देते हुए कहा है कि सितंबर के अंत तक वे तैयारियां पूरी कर लें।
पुराने रिकॉर्ड से होगी जांच
चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि हर राज्य में पिछली बार हुआ एसआइआर ही कट-ऑफ तिथि मानी जाएगी। उदाहरण के लिए बिहार में 2003 की मतदाता सूची को आधार बनाया जा रहा है। ज्यादातर राज्यों में पिछली बार ये प्रक्रिया 2002 से 2004 के बीच हुई थी। दिल्ली में 2008 और उत्तराखंड में 2006 की सूचियां आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। अब इन्हीं दस्तावेजों से नामों का मिलान होगा और गलत प्रविष्टियां हटाई जाएंगी।
बिहार बना मिसाल, अब पूरे देश में होगी सफाई
बिहार में हाल ही में हुए एसआइआर में करीब 65 लाख नाम हटाए गए। इसमें मृतक, दोहरी एंट्री वाले और दूसरे राज्यों में चले गए लोग शामिल थे। इतना ही नहीं, बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों से आए विदेशी नागरिक भी सूचियों से हटे। बिहार में करीब 10 प्रतिशत नाम काटे गए थे। इसी आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि जब पूरे देश में ये प्रक्रिया होगी तो करीब 15 करोड़ मतदाताओं के नाम लिस्ट से बाहर हो सकते हैं।
वोटिंग प्रतिशत पर पड़ेगा असर
विशेषज्ञों का कहना है कि ये अभियान चुनाव प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी बनाएगा। जब सूचियां साफ होंगी तो असली मतदाता सामने आएंगे। इसका सीधा असर मतदान प्रतिशत पर पड़ेगा। अभी सौ करोड़ मतदाताओं में से औसतन 66 प्रतिशत मतदान करते हैं। लेकिन अगर सूची से 15 करोड़ गलत नाम हट गए तो वास्तविक आधार पर ये प्रतिशत बढ़कर करीब 77 हो जाएगा। इससे चुनावी नतीजे भी ज्यादा सटीक और भरोसेमंद दिखेंगे।
क्यों है ये कदम अहम
देश के कई राज्यों में 2026 तक विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले आयोग नहीं चाहता कि किसी भी तरह की गड़बड़ी पर सवाल उठे। यही वजह है कि अब पूरे देश में एक साथ ये सफाई अभियान चलाया जा रहा है। इससे न सिर्फ विदेशी नागरिकों को बाहर किया जाएगा बल्कि मतदाता सूची भी पूरी तरह अपडेट और पारदर्शी बन जाएगी।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



