RBI MPC 2025: रेपो रेट पर फिर ब्रेक! फिर भी लोन की EMI को लेकर झटका
- Shubhangi Pandey
- 01 Oct 2025 05:59:37 PM
आरबीआई ने एक बार फिर आम लोगों को निराश कर दिया है। मोनेटरी पॉलिसी कमेटी की ताजा बैठक में रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की गई। लगातार दूसरी बार पॉलिसी रेट को 5.50 फीसदी पर ही रखा गया है। 6 सदस्यों वाली कमिटी में 5 ने इस फैसले के पक्ष में वोट दिया। इससे लोन की EMI में कोई राहत नहीं मिलेगी। कई अर्थशास्त्री 0.25 फीसदी कटौती की उम्मीद कर रहे थे लेकिन आरबीआई ने स्ट्रैटेजिक पॉज लिया। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि महंगाई कंट्रोल में है लेकिन ग्लोबल रिस्क्स को देखते हुए सतर्क रहना जरूरी है। बता दें कि अगस्त की बैठक में भी रेट स्थिर रखा गया था।
रेपो रेट को लेकर क्या है फैसला?
आरबीआई के सामने महंगाई कंट्रोल और ग्रोथ बूस्ट के कई फैक्टर थे। इनमें ट्रंप टैरिफ और ग्लोबल अनिश्चितताओं ने फैसले को प्रभावित किया। जानकार कहते हैं कि अभी रेट कट से ग्रोथ में तुरंत फायदा नहीं होगा। हालांकि गवर्नर की स्पीच से संकेत मिले हैं कि दिसंबर में कटौती संभव है। इस साल आरबीआई ने कुल 1 फीसदी कटौती की है। फरवरी और अप्रैल में 25-25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती हुई है। जून में 50 बेसिस पॉइंट्स का बड़ा कट किया गया है। ये कदम इकोनॉमी को सपोर्ट करने के लिए थे। लेकिन अब न्यूट्रल स्टांस रखा गया है जो आगे कटौती या इजाफे की गुंजाइश देता है।
महंगाई के अनुमान में बड़ी राहत
आरबीआई ने महंगाई के अनुमान को काफी कम किया है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए औसत CPI महंगाई अब 2.6 फीसदी रहने का अनुमान है। अगस्त में ये 3.1 फीसदी था जो पहले 3.7 फीसदी का था। गवर्नर ने बताया कि GST रेशनलाइजेशन और फूड प्राइस में तेज गिरावट से ये संभव हुआ। तिमाहीवार देखें तो दूसरी तिमाही में 1.8 फीसदी (पहले 2.1 फीसदी) तीसरी में भी 1.8 फीसदी (पहले 3.1 फीसदी) चौथी तिमाही में 4 फीसदी और अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 4.5 फीसदी का अनुमान है। कोर महंगाई 4.2 फीसदी पर स्थिर है जो बताता है कि अंदरूनी दबाव काबू में हैं। ये कम अनुमान इकोनॉमी के लिए सकारात्मक सिग्नल है।
ग्रोथ अनुमान में उछाल
दूसरी तरफ ग्रोथ को लेकर आरबीआई काफी ऑप्टिमिस्टिक है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया गया। ये अपग्रेड 30 बेसिस पॉइंट्स का है। पहली तिमाही में 7.8 फीसदी ग्रोथ ने इसे सपोर्ट किया। तिमाहीवार अनुमान में दूसरी तिमाही को 6.7 से बढ़ाकर 7 फीसदी तीसरी को 6.6 से घटाकर 6.4 फीसदी चौथी को 6.3 से घटाकर 6.2 फीसदी और अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही को 6.6 से घटाकर 6.4 फीसदी किया गया। गवर्नर ने कहा कि घरेलू ग्रोथ मजबूत है लेकिन एक्सपोर्ट पर ग्लोबल हेडविंड्स का असर रहेगा। ये अनुमान अर्थशास्त्रियों की उम्मीदों से बेहतर हैं।
क्या होगा आगे का रोडमैप ?
आरबीआई का ये फैसला बैलेंस्ड अप्रोच दिखाता है। महंगाई कम होने से पॉलिसी में ढील की गुंजाइश बढ़ी है लेकिन ग्रोथ रिस्क्स को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि लो इन्फ्लेशन से ईजिंग का स्पेस खुला है। अगली MPC बैठक दिसंबर में होगी जहां रेट कट की संभावना मजबूत लग रही है। फिलहाल लोन बोरोजर्स को इंतजार करना पड़ेगा। ये पॉलिसी इकोनॉमी को स्टेबलाइज करने पर फोकस्ड है। बाजार ने फैसले को पॉजिटिवली लिया है। स्टॉक मार्केट में हल्की तेजी आई। आम आदमी के लिए EMI बरकरार रहने से थोड़ी निराशा है लेकिन ग्रोथ बूस्ट से जॉब्स और इनकम में सुधार की उम्मीद है।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



