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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की पाकिस्तान को दो टूक, जानिए क्या है सर क्रीक विवाद?

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आज विजयदशमी के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भुज एयरबेस से पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने सर क्रीक इलाके में कोई हिमाकत की तो उसे ऐसा करारा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे। भुज एयरबेस पर शस्त्र पूजा के मौके पर राजनाथ सिंह ने जवानों को संबोधित किया और  कहा कि कराची तक जाने का रास्ता क्रीक से होकर गुजरता है और भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा पूरी मुस्तैदी से कर रहा है।

सर क्रीक क्या है ?
सर क्रीक गुजरात के कच्छ क्षेत्र और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच स्थित लगभग 96 किलोमीटर लंबी संकरी जलधारा है। ये ज्वारीय इलाका समुद्री और जमीनी सीमाओं को जोड़ता है और रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।

इसका महत्व दो बड़े कारणों से है। पहला कि ये इलाका अरब सागर के पास है और कराची पोर्ट तक जाने का अहम मार्ग प्रदान करता है। दूसरा कि सर क्रीक और आसपास के समुद्री इलाके में हाइड्रोकार्बन और प्राकृतिक गैस के भंडार होने की संभावना है। यही वजह है कि सीमा को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से विवाद बना हुआ है।

क्या है विवाद की जड़?
सर क्रीक विवाद की जड़ 1914 के मुंबई प्रेजिडेंसी और सिंध समझौते से है। उस समय पूर्वी तट को सीमा माना गया था लेकिन पाकिस्तान का दावा है कि सीमा पश्चिमी तट से गुजरती है। भारत का कहना है कि ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार सीमा मध्य रेखा पर तय है। भारत ने कई बार बातचीत के जरिए विवाद हल करने की कोशिश की लेकिन पाकिस्तान की नीयत साफ नहीं रही। हाल में पाकिस्तान ने सर क्रीक के पास मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया और भारत की सुरक्षा व्यवस्था की चुनौती पेश की।

राजनाथ सिंह की दो टूक चेतावनी
रक्षा मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक तक भारत के डिफेंस सिस्टम को भेदने की कोशिश की लेकिन भारतीय सेनाओं ने उनकी पूरी रणनीति नाकाम कर दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को संदेश दिया कि भारतीय सेनाएं किसी भी वक्त किसी भी जगह और किसी भी तरीके से पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं।

उन्होंने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि सर क्रीक इलाके में कोई हिमाकत हुई तो भारत इतिहास और भूगोल दोनों बदलने वाला करारा जवाब देगा। उन्होंने पाकिस्तान को याद दिलाया कि कराची तक जाने का रास्ता क्रीक से होकर गुजरता है और भारत अपनी सीमाओं की रक्षा पूरी तैयारी और मुस्तैदी से कर रहा है।

भारतीय सेनाओं की मुस्तैदी
राजनाथ सिंह ने कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी सर क्रीक इलाके में सीमा को लेकर विवाद खड़ा किया जाता है लेकिन भारतीय सीमाओं की सुरक्षा में कोई कमी नहीं आई। भारतीय सेना और बीएसएफ मिलकर पूरे इलाके की निगरानी कर रहे हैं और किसी भी हिमाकत को नाकाम करने की पूरी तैयारी है। उन्होंने जवानों को भरोसा दिलाया कि भारत अपने क्षेत्र और जल सीमाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और किसी भी चुनौती का जवाब देने में कभी पीछे नहीं हटेगा।

गौर करने वाली बात है कि सर क्रीक सिर्फ एक जलधारा नहीं बल्कि रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से अहम इलाका है। भारत और पाकिस्तान के बीच इस विवाद का इतिहास लंबा है और अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे लेकर दो टूक चेतावनी दे दी है। सर क्रीक पर नजर रखने और क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह मुस्तैद है।

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