ट्रम्प ने शिकागो को बताया ‘युद्ध क्षेत्र’, जज ने पोर्टलैंड में सैनिकों की तैनाती पर लगाई रोक, जानिए मामला
- Shubhangi Pandey
- 06 Oct 2025 06:45:15 PM
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फैसले ने एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। ट्रम्प प्रशासन ने डेमोक्रेटिक नेताओं के कड़े विरोध के बावजूद शिकागो में संघीय सैनिकों की तैनाती को मंजूरी दे दी। ट्रम्प के सहयोगियों ने इस फैसले का बचाव करते हुए शहर को “युद्ध क्षेत्र” बताया है। वहीं, एक संघीय न्यायाधीश ने ओरेगन के पोर्टलैंड शहर में इसी तरह की सैन्य तैनाती पर रोक लगा दी है। इस घटनाक्रम ने व्हाइट हाउस और डेमोक्रेट-शासित शहरों के बीच टकराव को और गहरा कर दिया है।
शिकागो में बिना इजाज़त भेजे गए सैनिक
शनिवार को राष्ट्रपति ट्रम्प ने शिकागो में 300 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती की मंजूरी दी। यह कदम इलिनॉय के गवर्नर जेबी प्रित्जकर और शिकागो की मेयर लोरी लाइटफुट की अनुमति के बिना उठाया गया। दोनों नेताओं ने इस कदम का कड़ा विरोध किया है और कहा कि यह “संवैधानिक ढांचे” का उल्लंघन है। अमेरिकी गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने रविवार को Fox News से बातचीत में कहा कि “शिकागो इस वक्त युद्ध क्षेत्र की तरह है, और व्यवस्था बहाल करने के लिए सैनिकों की जरूरत है।” उन्होंने दावा किया कि शहर में हिंसा और अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा।
“यह संविधान वाला देश है, मार्शल लॉ नहीं”
पोर्टलैंड, ओरेगन में संघीय सैनिकों की तैनाती पर अमेरिकी जिला न्यायालय की जज कैरिन इमरगुट ने रोक लगा दी। उन्होंने अपने आदेश में लिखा, “यह संविधान से संचालित देश है, न कि मार्शल लॉ वाला राज्य।” जज ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन यह साबित करने में नाकाम रहा कि पोर्टलैंड में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि सैन्य हस्तक्षेप ज़रूरी हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि संघीय सरकार स्थानीय पुलिस प्रशासन की अनुमति के बिना सैनिक नहीं भेज सकती।
“ट्रम्प युद्ध क्षेत्र बनाना चाहते हैं”
इलिनॉय के गवर्नर जेबी प्रित्जकर ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ट्रम्प प्रशासन जानबूझकर “युद्ध क्षेत्र” का माहौल बनाना चाहता है। उन्होंने आरोप लगाया कि व्हाइट हाउस अराजकता फैलाकर सैन्य हस्तक्षेप को सही ठहराने की कोशिश कर रहा है। प्रित्जकर ने कहा, “स्थानीय प्रशासन से बातचीत किए बिना सैनिक भेजना असंवैधानिक है। राष्ट्रपति सिर्फ अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं।”
अमेरिकी जनता की राय
एक ताज़ा सर्वेक्षण के अनुसार, 58% अमेरिकी नागरिक शहरों में नेशनल गार्ड की तैनाती का विरोध कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह स्थानीय कानून व्यवस्था में हस्तक्षेप है। वहीं, 35% लोगों ने ट्रम्प के कदम का समर्थन करते हुए कहा कि हिंसा और अपराध को रोकने के लिए सख्त कदम ज़रूरी हैं।
शिकागो में बढ़ा विवाद और हिंसा
शिकागो में पहले से ही संघीय एजेंसियों की कार्रवाई विवादों में है। सप्ताह के आखिरी में आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) के एक अधिकारी ने एक मोटर चालक को गोली मार दी, जिसने कथित तौर पर सरकारी वाहन को टक्कर मारी थी। इससे पहले इसी एजेंसी के अधिकारियों पर एक 38 साल के अप्रवासी सिल्वरियो विलेगास गोंजालेज की हत्या का आरोप भी लग चुका है। इन घटनाओं के बाद शहर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं, और स्थानीय प्रशासन ने केंद्र सरकार से तत्काल सैनिकों की वापसी की मांग की है।
व्हाइट हाउस बनाम डेमोक्रेटिक शहर
ट्रम्प प्रशासन लगातार दावा कर रहा है कि पोर्टलैंड और शिकागो जैसे डेमोक्रेट-शासित शहर हिंसा से ग्रस्त हैं, लेकिन स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि व्हाइट हाउस स्थिति को “राजनीतिक नाटक” में बदल रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रम्प “कानून और व्यवस्था” के मुद्दे को केंद्र में लाकर अपने वोटबैंक को मजबूत करना चाहते हैं, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी इसे लोकतंत्र और संघीय अधिकारों पर हमला मान रही है।
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