Haryana के ADGP ने की आत्महत्या? पुलिस विभाग में मचा हड़कंप, जानें कौन थे YS Pooran?
- Ankit Rawat
- 07 Oct 2025 05:13:30 PM
हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की संदिग्ध हालात में मौत ने प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। 2001 बैच के अधिकारी और वर्तमान में एडीजीपी (ADGP) रैंक पर तैनात वाई. पूरन कुमार चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने सरकारी आवास में मृत पाए गए। चंडीगढ़ की SSP कंवरदीप कौर ने जानकारी दी है कि उन्हें दोपहर करीब 1:30 बजे सेक्टर 11 के मकान नंबर 116 में एक संदिग्ध आत्महत्या की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस टीम और फोरेंसिक एक्सपर्ट मौके पर पहुंचे।
अचानक क्यों उठाया इतना बड़ा कदम?
अभी तक वाई. पूरन कुमार की मौत के पीछे की वजह साफ नहीं हुई है। फिलहाल पुलिस फोरेंसिक रिपोर्ट और उनके हालिया निजी और पेशेवर जीवन की गहराई से जांच कर रही है। शुरुआती जानकारी के अनुसार उन्होंने आत्महत्या की है लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि रिपोर्ट आने के बाद ही की जाएगी।
पत्नी देश से बाहर
मृतक अधिकारी की पत्नी अमनीत पी. कुमार एक वरिष्ठ IAS अफसर हैं जो इन दिनों जापान की आधिकारिक यात्रा पर हैं। वो 5 अक्टूबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान रवाना हुई थीं और 8 अक्टूबर तक लौटने की उम्मीद है। घटना के समय वाई. पूरन कुमार अपने सरकारी आवास पर अकेले थे।
हाल ही में हुआ था तबादला
29 सितंबर को उनका तबादला रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय (PTC) में आईजी के पद पर हुआ था। तब से वो छुट्टी पर चल रहे थे और 7 अक्टूबर तक अवकाश पर थे। इस बीच उनकी मानसिक स्थिति या निजी तनावों को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
एक साल से चल रही थी पदोन्नति और भेदभाव की लड़ाई
वाई. पूरन कुमार पिछले एक साल से अपने साथ हुए प्रशासनिक “अन्याय” को लेकर आवाज उठा रहे थे। उन्होंने हरियाणा सरकार और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी पदोन्नति में भेदभाव का मुद्दा उठाया था। उनका आरोप था कि कुछ बैच के अधिकारियों को तो पदोन्नति पुराने साल से प्रभावी मानते हुए दी गई, लेकिन उन्हें “तत्काल प्रभाव” से प्रोमोट किया गया, जिससे उन्हें भारी वित्तीय नुकसान हुआ। उन्होंने मांग की थी कि उन्हें भी डीआईजी पद की पदोन्नति तत्काल प्रभाव से दी जाए और बकाया वेतन के साथ ब्याज का भुगतान किया जाए। उन्होंने इस भेदभाव को “घोर अन्याय” बताया था।
सरकार मान चुकी थी गलती
मार्च 2024 में हरियाणा गृह विभाग ने माना था कि कुमार जैसे अधिकारियों के साथ वित्तीय नुकसान हुआ है। इसके बाद सरकार ने प्रस्ताव तैयार किया था कि ऐसे अधिकारियों को भी पिछली तारीख से लाभ दिए जाएं। लेकिन ये प्रस्ताव अभी तक फाइलों में ही अटका हुआ था। बताया जा रहा है कि वाई. पूरन कुमार इस देरी से मानसिक रूप से बेहद आहत थे।
क्या मानसिक तनाव बना मौत की वजह?
पुलिस के मुताबिक फिलहाल सुसाइड नोट की कोई जानकारी नहीं मिली है। लेकिन अधिकारी की पुरानी शिकायतों और नौकरी से जुड़े तनावों को लेकर जांच तेज कर दी गई है। मानसिक स्वास्थ्य, कार्यस्थल पर तनाव और सिस्टम से उपजे असंतोष को भी इस घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।
क्या कहता है ये दर्दनाक मामला?
वाई. पूरन कुमार की मौत ने एक बार फिर सरकारी सिस्टम में काम कर रहे अफसरों के मानसिक दबाव और अंदरूनी राजनीति को उजागर कर दिया है। एक ईमानदार अफसर, जिसने अपनी लड़ाई कानून और नियमों के ज़रिए लड़ी, अगर ऐसी दुखद राह चुनता है, तो ये पूरे सिस्टम पर सवाल है।
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