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9 पन्नों का सुसाइड नोट और बहुत सारे खुलासा, IPS पूरन कुमार की मौत का रहस्य

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चंडीगढ़ में हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ IPS अधिकारी पूरन कुमार की मौत ने पूरे पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया है। 7 अक्टूबर 2025 को उनके सेक्टर 11 वाले घर में वो मृत पाए गए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये आत्महत्या का मामला लगता है जिसमें गहरे अवसाद, रिश्वतखोरी के इल्ज़ाम और पुलिस विभाग में कथित भेदभाव की बड़ी भूमिका दिख रही है। कैरियर में उतार-चढ़ाव और अपमान का दर्द 2001 बैच के हरियाणा कैडर के IPS अधिकारी पूरन कुमार इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से थे। हाल ही में 29 सितंबर को उन्हें IG रोहतक रेंज से पुलिस ट्रेनिंग सेंटर सुनारिया में ट्रांसफर किया गया था। पुलिस वालों के बीच इसे सजा या डिमोशन जैसी पोस्टिंग माना गया।

सूत्र बताते हैं कि ये ट्रांसफर पूरन को बहुत नागवार गुजरा। वो पहले से ही प्रमोशन, पोस्टिंग और कथित भेदभाव को लेकर कई बार पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट जा चुके थे। उन्होंने विभाग में गाड़ियों के बंटवारे में पक्षपात का भी विरोध किया और नाराज़गी में अपनी सरकारी कार तक लौटा दी थी। पूरन अक्सर पुलिस महकमे में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव की बात उठाते थे।

रिश्वतखोरी का इल्ज़ाम और मानसिक दबाव
6 अक्टूबर को मामला तब और गहराया जब पूरन के पुराने गनमैन EASI सुशील कुमार को 2.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के इल्ज़ाम में गिरफ्तार किया गया। सुशील ने पूछताछ में दावा किया कि वो पूरन के कहने पर काम कर रहा था। इसके बाद सोशल मीडिया पर वीडियो और खबरें वायरल हो गईं। सूत्रों का कहना है कि इन इल्ज़ामों ने पूरन को मानसिक रूप से तोड़ दिया। उन्हें लगता था कि ये सब उन्हें बदनाम करने की साज़िश है जो उनके कैरियर को बर्बाद कर देगी। 

9 पन्नों का सुसाइड नोट और चौंकाने वाले खुलासे
7 अक्टूबर की सुबह पूरन ने अपने सिक्योरिटी गार्ड्स को हटाया और चंडीगढ़ के अपने घर के साउंडप्रूफ बेसमेंट में खुद को बंद कर लिया। माना जा रहा है कि उन्होंने अपने गनमैन के हथियार से खुद को गोली मार ली। पुलिस ने मौके से 9 पन्नों का सुसाइड नोट और एक वसीयत बरामद की। इस नोट में पूरन ने एक मौजूदा और दो रिटायर्ड IPS अधिकारियों पर उत्पीड़न, जातिगत भेदभाव और लगातार अपमान का इल्ज़ाम लगाया। नोट में उन्होंने सालों से चले आ रहे मानसिक तनाव और कार्यस्थल पर अलग-थलग करने की बात भी लिखी। इस नोट की अब फोरेंसिक जाँच हो रही है।

पूरन की मौत के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, चंडीगढ़ पुलिस और हरियाणा DGP ऑफिस ने अलग-अलग जांच शुरू कर दी है। जांच में रिश्वतखोरी के इल्ज़ामों की सच्चाई और इसके पूरन के इस दुखद कदम से कनेक्शन की पड़ताल हो रही है। पुलिस विभाग में भेदभाव और मानसिक स्वास्थ्य जैसे गंभीर मुद्दों पर भी सवाल उठ रहे हैं। पूरन कुमार की मौत ने न सिर्फ़ हरियाणा पुलिस बल्कि पूरे सिस्टम को कटघरे में ला खड़ा किया है। उनका सुसाइड नोट क्या सच सामने लाएगा? क्या उनकी मौत के पीछे की साज़िश का पर्दाफाश होगा? ये सवाल हर किसी के ज़हन में हैं।

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