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पीएम मोदी ने ट्रंप के गाजा शांति समझौते को बताया बड़ी उम्मीद, नेतन्याहू की भी तारीफ की

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गाजा और इज़राइल के बीच दो साल से जारी खून-खराबे के बीच एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से हमास और इज़राइल के बीच एक अहम शांति समझौता हुआ है। इस पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे स्थायी शांति की दिशा में एक मजबूत कदम बताया है और इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सराहना की है।

पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, “हम राष्ट्रपति ट्रंप की शांति योजना के पहले चरण पर हुए समझौते का स्वागत करते हैं। यह प्रधानमंत्री नेतन्याहू के मजबूत नेतृत्व का प्रतीक है। उम्मीद है बंधकों की रिहाई और मानवीय मदद से गाजा में स्थिरता आएगी और शांति का रास्ता खुलेगा।” भारत ने पहले भी साफ किया था कि वो गाजा में शांति बहाली और मानवीय संकट के समाधान के लिए किए जा रहे हर प्रयास का समर्थन करता है।

ट्रंप के शांति प्लान में क्या है?
अमेरिका और कतर की मध्यस्थता से हुआ ये समझौता गाजा में जारी युद्ध के बीच अब तक की सबसे बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है। इसके तहत हमास ने कुछ ही दिनों में 20 जीवित बंधकों की रिहाई का वादा किया है, जबकि इज़राइल ने गाजा के ज़्यादातर हिस्सों से सेना हटाने पर सहमति जताई है। दोनों पक्षों ने आंशिक युद्धविराम पर भी हामी भरी है। हालांकि, अब भी कई अहम सवाल बाकी हैं, जैसे – क्या हमास पूरी तरह से हथियार डालेगा और भविष्य में गाजा का प्रशासन किसके हाथ में होगा।

दो साल बाद पहली बड़ी सफलता
ये समझौता उस हमले की दूसरी सालगिरह के ठीक बाद हुआ है जिसमें हमास के आतंकवादियों ने 7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल पर हमला किया था। उसके जवाब में इज़राइल ने गाजा पर जबरदस्त हमला किया था, जिससे हजारों लोगों की जान चली गई और पूरा इलाका तबाह हो गया। अब मिस्र में हुई गुप्त बातचीत के बाद जो सहमति बनी है वो दोनों पक्षों को युद्ध खत्म करने के सबसे नज़दीक ला सकती है। अगर ये समझौता पूरी तरह लागू हो जाता है तो इससे न सिर्फ बंधक रिहा होंगे, बल्कि गाजा में फंसे आम लोगों को भी राहत मिल सकती है।

इज़राइल-गाजा में जश्न और राहत की उम्मीद
जैसे ही समझौते की खबर सामने आई इज़राइल में बंधकों के परिवारों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। आतिशबाजियां हुईं और लोग सड़कों पर आ गए । वहीं गाजा में भी लोग खुशी में तालियां बजाते और उम्मीद जताते देखे गए। हालांकि अभी ये सिर्फ पहला चरण है, लेकिन इससे युद्ध के खत्म होने की एक नई उम्मीद जगी है।  बहरहाल अभी ये तय नहीं है कि हमास पूरी तरह से हथियार डालेगा या नहीं और गाजा का प्रशासन किसके हाथ में होगा। लेकिन इस शांति समझौते ने इतना ज़रूर साबित कर दिया है कि बातचीत से रास्ता निकल सकता है।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी का बयान दुनिया को ये संकेत देता है कि भारत शांति की हर कोशिश के साथ खड़ा है। ट्रंप की मध्यस्थता में हुआ ये समझौता अगर आगे भी कायम रहता है तो ये गाजा और इज़राइल ही नहीं, पूरे मध्य पूर्व में हालात बदल सकता है।

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