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Operation Sindoor के बाद जैश का नया खेल! Masood Azhar की बहन Sadia बनी ‘लेडी कमांडर

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पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने अपनी पहली महिला विंग 'जमात-उल-मोमिनात' शुरू करने की घोषणा कर दी है। इस महिला ब्रिगेड का नेतृत्व खुद JeM प्रमुख मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर करेंगी। मसूद अजहर जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी हैं, उन्होंने इस बात का खुलासा एक पत्र के जरिए किया है।

जमात-उल-मोमिनात महिला ब्रिगेड की शुरुआत
जैश-ए-मोहम्मद की इस नई महिला विंग के लिए भर्ती अभियान पाकिस्तान के बहावलपुर में शुरू हुआ। यह भर्ती संगठन के उन सदस्यों की पत्नियों और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं पर केंद्रित है जो कराची, मुजफ्फराबाद, कोटली, हरिपुर, मनसेहरा जैसे इलाकों में रहते हैं। जमात-उल-मोमिनात का काम जैश की महिला ब्रिगेड के तौर पर होगा।

ऑपरेशन सिंदूर और पति की मौत का असर
इस खबर के अनुसार सादिया अजहर का पति यूसुफ अजहर 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारा गया था। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जैश के बहावलपुर स्थित मुख्यालय पर हमला किया था। इस हमले में कई जैश कमांडर और उनके परिवार के सदस्य मारे गए थे। इस हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद ने पहली बार अपनी महिला विंग बनाने का फैसला किया।

महिलाओं की भूमिका में बदलाव
पहले जैश-ए-मोहम्मद महिलाओं को जिहाद या लड़ाई में शामिल होने से रोकता था। लेकिन हालिया घटनाओं और ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन्होंने अपनी नीति में बदलाव किया है। खुफिया जानकारी बताती है कि मसूद अजहर और उनके भाई तल्हा अल-सैफ ने मिलकर महिलाओं को संगठन में शामिल करने की मंजूरी दी है। इससे जैश-ए-मोहम्मद की पहली महिला ब्रिगेड का रास्ता साफ हुआ।

आतंकवादी संगठनों में महिलाओं का बढ़ता रोल
दुनिया भर के कई आतंकवादी संगठन जैसे इस्लामिक स्टेट, हमास और बोको हराम महिला आतंकवादियों का इस्तेमाल करते रहे हैं। लेकिन जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन ने इस पर पहले रोक लगाई थी। अब जैश ने अपने पुराने रुख को बदलते हुए महिलाओं को सक्रिय भूमिका में लाने की ठानी है।

जैश-ए-मोहम्मद के कमजोर हुए ठिकाने
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर जैसे संगठनों का बुनियादी ढांचा बहुत कमजोर हो गया है। कई आतंकवादी समूह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शिफ्ट हो गए हैं। ये संगठन अपना ढांचा फिर से मजबूत करने के लिए जनता से चंदा भी मांग रहे हैं।

पाकिस्तानी आतंकवादियों की नई रणनीति
जैश-ए-मोहम्मद ने अब महिलाओं को भी अपने जिहाद में शामिल करके अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी है। सादिया अजहर के नेतृत्व में महिला विंग के बनने से संगठन में नया जोश आएगा। लेकिन ये बदलाव इलाके की सुरक्षा और शांति के लिए खतरा भी बढ़ाएंगे।

बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद की पहली महिला ब्रिगेड का गठन आतंकवादी संगठन के रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है। मसूद अजहर के परिवार की भूमिका और ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव इस फैसले के पीछे मुख्य कारण हैं। इससे यह साफ हो गया है कि जैश अब महिलाओं की ताकत से अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है जो क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।

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