100% टैरिफ लगाकर ट्रंप ने चीन से ठान ली! अब क्या रुक जाएगी दुनिया की सबसे बड़ी सप्लाई चेन?
- Ankit Rawat
- 11 Oct 2025 01:23:32 PM
डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान कर पूरी दुनिया को चौंका दिया है। उनका ये फैसला चीन द्वारा दुर्लभ मृदा तत्वों के निर्यात पर सख्ती बढ़ाने के जवाब में आया है। अब जब दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं आमने-सामने हैं तो सवाल ये है कि आगे क्या होगा?
क्यों लगाया गया 100% टैरिफ?
डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा कि चीन बहुत आक्रामक हो गया है। बीजिंग ने हाल ही में उन खनिजों के निर्यात पर पाबंदी लगाई है जो इलेक्ट्रिक वाहन, स्मार्टफोन और मिसाइल जैसी चीजों में इस्तेमाल होते हैं। इसके जवाब में ट्रंप ने चीनी सामान पर 1 नवंबर से 100% टैरिफ लागू करने का ऐलान किया है।
ट्रंप का दावा - "दुनिया को बंदी बना रहा है चीन"
ट्रंप का आरोप है कि चीन दुर्लभ मृदा तत्वों को रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने लिखा कि चीन दुनिया को बंदी बनाने की कोशिश कर रहा है।
बाजार में हड़कंप, निवेशकों में डर
ट्रंप की घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में भूचाल आ गया। नैस्डैक में 3.6% और S&P 500 में 2.7% की गिरावट दर्ज हुई। ये अप्रैल के बाद वॉल स्ट्रीट की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है।
दुर्लभ मृदा तत्व क्यों हैं इतने खास?
ये वो 17 मेटलिक तत्व हैं जिनका इस्तेमाल मोबाइल फोन से लेकर मिसाइल तक में होता है। खास बात ये है कि इनका वैश्विक उत्पादन 70% चीन के पास है और 90% से ज्यादा चुंबकों का शोधन भी वही करता है। यानी चीन की पकड़ इस सेक्टर में बहुत मजबूत है।
ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात भी खतरे में
ट्रंप ने कहा था कि वो दो हफ्ते बाद APEC सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिल सकते हैं। लेकिन अब उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि ऐसा कोई कारण नहीं दिखता जिसके चलते मुलाकात की जाए। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि बैठक रद्द नहीं हुई है। बीजिंग की तरफ से अब तक इस बैठक को लेकर कोई पुष्टि नहीं हुई है।
विशेषज्ञ बोले - ये है टैरिफ वॉर की नई शुरुआत
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का ये कदम टैरिफ युद्धविराम के अंत की शुरुआत हो सकता है। दोनों देश अब आर्थिक हथियारों का खुलकर इस्तेमाल कर रहे हैं और पीछे हटने के मूड में नहीं हैं।
भारत पर क्या असर पड़ेगा?
भारत चीन और अमेरिका दोनों से इलेक्ट्रॉनिक सामान और कच्चा माल आयात करता है। ऐसे में अगर टकराव बढ़ा तो भारत की सप्लाई चेन पर असर पड़ सकता है। कीमतें बढ़ सकती हैं और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को झटका लग सकता है।
अब आगे होगा क्या?
ट्रंप का अगला कदम क्या होगा और चीन कैसे जवाब देगा, इस पर सबकी नजर है। फिलहाल इतना तय है कि ये टकराव सिर्फ दो देशों का नहीं बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाला है।
सिर्फ एक टैरिफ और दुनिया की सांसें थम गईं
जैसे-जैसे टकराव बढ़ रहा है, वैसे-वैसे निवेशकों की चिंता भी गहराती जा रही है। अब देखना ये है कि क्या अमेरिका-चीन की ये आर्थिक जंग थमती है या नया तूफान लेकर आती है।
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