प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं की नो एंट्री, तालिबान मंत्री पर भारत में भी भड़का विवाद, MEA ने झाड़ा पल्ला
- Shubhangi Pandey
- 11 Oct 2025 01:49:01 PM
अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा के दौरान नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ पुरुष पत्रकारों को आमंत्रित किया गया । महिला पत्रकारों को बैठने की अनुमति ही नहीं मिली। इस कदम ने लैंगिक भेदभाव की तीखी आलोचना के बाद विवाद खड़ा कर दिया है।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने घेरा
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इस घटना को चौंकाने वाला करार दिया और कहा कि पुरुष पत्रकारों को अपनी महिला सहकर्मियों के साथ एकजुटता दिखानी चाहिए थी । महुआ मोइत्रा ने पूछा भारत सरकार ने भारत की धरती पर इस तरह का भेदभाव कैसे होने दिया।
विदेश मंत्रालय का बयान
MEA ने साफ किया कि मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार की कोई भागीदारी नहीं थी। बयान में कहा गया कि आयोजन तालिबान प्रतिनिधिमंडल द्वारा तय किया गया स्थान और मीडिया सूची से जुड़ी बातों पर सरकार शामिल नहीं थी।
पहले भी ऐसा मामला आया था सामने
तालिबान ने 2021 में सत्ता संभालने के बाद से अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं के प्रति कई प्रतिबंध लागू किए थे। इसमें स्कूल बंद करना, कार्यस्थलों से बाहर करना, सार्वजनिक जीवन से दूर रखना शामिल है। ये घटना विदेशी मंच पर उनके लैंगिक नीतियों की आलोचना का नया मुद्दा बन गई है।
भारत का रूख
भारत अफग़ानिस्तान से मानवीय और आर्थिक सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहा है । लेकिन ऐसे आयोजनों में महिला अधिकारों की उपेक्षा लोकतंत्र और नारी सशक्तिकरण के मूल्यों के लिए चिंतनीय है इस घटना ने सरकार को ये सवाल दिए कि क्या संवैधानिक मूल्यों के बीच कूटनीति के फैसले कभी लचीले हो सकते हैं। लेकिन इसी बीच विदेश मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि उसका इस मामले में कोई लेना देना नहीं है।
इस मामले ने साफ कर दिया की कूटनीतिक रिश्ते चाहे जितने महत्वपूर्ण हों संविधान और मौलिक अधिकारों का सम्मान भी बराबर जरूरी है । भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में जब किसी प्रतिनिधिमंडल से बात हो रही हो तो सभी तरह की समान भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए।
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