हरियाणा IPS की आत्महत्या का मामला, जाति भेदभाव के आरोपों ने डीजीपी को घेरा, सुसाइड नोट में 11 अफसरों पर लगे गंभीर इल्जाम
- Shubhangi Pandey
- 11 Oct 2025 03:57:16 PM
हरियाणा के सीनियर आईपीएस अफसर वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के अपने घर में खुद को गोली मार ली। ये खबर सुन पूरा पुलिस महकमा हिल गया। पूरन कुमार 2001 बैच के अफसर थे और हाल ही में रोहतक रेंज से ट्रांसफर होकर सनौरी जेल के आईजी बनाए गए थे। मंगलवार को सेक्टर 11 वाले फ्लैट में मिली लाश ने सवालों का पुलिंदा खोल दिया। उन्होंने 8-9 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा जिसमें डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत 11 अफसरों के नाम हैं। नोट में लिखा है कि इन सभी ने जाति के नाम पर भेदभाव किया। मानसिक तंगी दी सार्वजनिक बेइज्जती की।
पूरन कुमार ने आरोप लगाया कि सीनियर अफसरों ने उन्हें जानबूझकर टारगेट बनाया। वो एससी कैटेगरी से थे और इस बात को लेकर उनको मानसिक प्रताड़ित किया जाता रहा। नोट के आधार पर चंडीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। इसमें एससी-एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गईं। परिवार वाले कहते हैं कि ये सिर्फ आत्महत्या नहीं बल्कि सिस्टम की नाकामी है।
रिश्वत कांड ने बढ़ाई मुसीबतें
पूरन कुमार की मौत से ठीक पहले रोहतक में बड़ा रिश्वत कांड हुआ । उनके साथ तैनात हेड कांस्टेबल सुशील कुमार को गिरफ्तार किया गया। सुशील पर इल्जाम था कि वो एक शराब ठेकेदार से 2.5 लाख की रिश्वत मांग रहा था। ठेकेदार प्रवीण बंसल ने शिकायत की है कि सुशील ने ये पैसे आईजी पूरन कुमार के नाम पर मांगे। रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया ने खुद बताया कि ऑडियो-वीडियो क्लिप्स हैं जो सुशील को बेनकाब करते हैं। सुशील ने पूछताछ में कबूल किया कि पूरन कुमार ने ही उसे पैसे इकट्ठा करने को कहा। लेकिन बिजारनिया ने ये भी साफ किया कि पूरन कुमार को नोटिस नहीं भेजा गया था। जांच शुरू होने से पहले ही ये हादसा हो गया। परिवार का दावा है कि ये केस फर्जी था और सीनियर अफसरों ने पूरन कुमार को फंसाने की साजिश रची। ठेकेदार बंसल ने पहले भी गैंगस्टरों से धमकी की शिकायत पूरन कुमार से की थी। वो उनसे मदद मांगने गए थे लेकिन उल्टा मुसीबत आ गई। ये घटना ने पूरन कुमार को तोड़ दिया। वो मानसिक रूप से टूट चुके थे।
बिजारनिया का ट्रांसफर
शनिवार को हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया। रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया को हटा दिया गया। सुसाइड नोट में उनका नाम होने से दबाव बढ़ गया था। परिवार ने डीजीपी कपूर और बिजारनिया की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। अमनीत पी कुमार जो खुद आईएएस अफसर हैं उन्होंने सीएम नायब सिंह सैनी को लेटर लिखा। उन्होंने कहा कि इन अफसरों ने पति को परेशान किया गया। अमनीत जापान में सीएम के डेलिगेशन के साथ थीं जब ये खबर आई। वापस आकर उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। जनाक्रोश देखते हुए सरकार ने बिजारनिया को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भेज दिया। उनकी जगह सुरिंदर सिंह भोरिया को नया रोहतक एसपी बनाया गया। ये आदेश गवर्नर की तरफ से तुरंत लागू हुआ। लेकिन परिवार वाले संतुष्ट नहीं। वो कहते हैं ट्रांसफर से क्या होगा। गिरफ्तारी होनी चाहिए। राजनीति में भी हंगामा मचा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे जातिवादी सिस्टम का नतीजा बताया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर हमला बोला। कहा दलित अफसरों को न्याय नहीं मिलता।
जांच में नया मोड़
चंडीगढ़ पुलिस ने 6 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित की। आईजी रैंक के अफसर इसकी कमान संभालेंगे। टीम सुसाइड नोट की हर लाइन जांचेगी। डीजीपी कपूर और बिजारनिया पर अब बीएनएस की धारा 108 के तहत केस है। यानी आत्महत्या के लिए उकसाना। हरियाणा सरकार डीजीपी को लंबी छुट्टी पर भेजने पर विचार कर रही। आईएएस एसोसिएशन ने पूरन कुमार को श्रद्धांजलि दी। कहा वो ईमानदार अफसर थे। सोशल मीडिया पर #JusticeForPuranKumar ट्रेंड कर रहा। लोग जाति भेदभाव के खिलाफ आवाज उठा रहे। पूरन कुमार की मौत ने पुलिस विभाग में सवाल खड़े कर दिए। क्या सीनियर अफसर जूनियर्स को कुचलते हैं? क्या एससी अफसरों को अलग नजराना मिलता है? ये केस अब कोर्ट में जाएगा। उम्मीद है सच्चाई सामने आएगी। परिवार न्याय की लड़ाई लड़ रहा। हरियाणा पुलिस को सुधार की जरूरत है।
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