Trump के नए टैरिफ बम से China को बड़ा झटका, India को मिल सकता है बड़ा फायदा, जानिए कैसे बढ़ेगा एक्सपोर्ट!
- Ankit Rawat
- 11 Oct 2025 05:59:18 PM
अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर व्यापार युद्ध तेज़ हो गया है। इस बार अमेरिका ने 1 नवंबर 2025 से चीन से आने वाली कई वस्तुओं पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का एलान किया है, जिससे कुल टैरिफ 130% तक पहुंच जाएगा। ये कदम चीन द्वारा दुर्लभ मृदा तत्वों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के जवाब में उठाया गया है। लेकिन इस टकराव में भारत के लिए एक नई उम्मीद छुपी हुई है।
भारतीय एक्सपोर्टर्स को मिलेगा सीधा फायदा
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा कि चीन पर लगे भारी टैरिफ से अमेरिका में भारतीय वस्तुओं की मांग बढ़ेगी। उनका मानना है कि साल 2024-25 में भारत से अमेरिका को निर्यात 86 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। फिलहाल भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर औसतन 50% तक का टैरिफ लगता है जो चीन की तुलना में अब काफी कम रहेगा। ऐसे में अमेरिका के बाजार में भारतीय उत्पाद तुलनात्मक रूप से सस्ते और आकर्षक साबित हो सकते हैं।
अमेरिका को चाहिए विकल्प
एक्सपोर्ट सेक्टर से जुड़े कारोबारी भी मानते हैं कि ये बदलाव भारत के लिए एक बड़ा मौका है। कपड़ा, खिलौना, इलेक्ट्रॉनिक्स और फुटवियर जैसे सेक्टरों में भारत अब अमेरिका के लिए चीन का विकल्प बन सकता है। दिल्ली के एक खिलौना निर्यातक मनु गुप्ता ने कहा, "चीन पर अतिरिक्त शुल्क से हमें बराबरी का मौका मिलेगा। कई अमेरिकी कंपनियां अब सीधे भारत से संपर्क कर रही हैं जिसमें टारगेट जैसी दिग्गज रिटेलर भी शामिल हैं।"
किन सेक्टरों में दिखेगा सबसे ज्यादा असर ?
ट्रंप सरकार के इस फैसले से चीन से आने वाले इलेक्ट्रिक वाहन, पवन टर्बाइन, सौर पैनल, सेमीकंडक्टर पार्ट्स और घरेलू उपकरणों की कीमतें अमेरिका में तेज़ी से बढ़ सकती हैं। इससे वहां की कंपनियों को दूसरे देशों से सप्लायर ढूंढने होंगे, जिसमें भारत को सबसे बड़ा फायदा मिल सकता है। थिंक टैंक GTRI के मुताबिक अमेरिका फिलहाल इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, फुटवियर और होम एप्लायंस जैसी चीजों के लिए चीन पर काफी हद तक निर्भर है। अब इन क्षेत्रों में भारत जैसे देशों के लिए दरवाज़े खुल सकते हैं।
भारत-अमेरिका व्यापार पहले से ही मजबूत
साल 2024-25 में भी अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहेगा। भारत का अमेरिका के साथ कुल द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर का है जिसमें से 86.5 अरब डॉलर सिर्फ भारत का निर्यात है। यह भारत के कुल निर्यात का लगभग 18% है। भारत और अमेरिका एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भी बातचीत कर रहे हैं जो इस साझेदारी को और मज़बूत कर सकता है।
किन देशों को होगा नुकसान?
इस टैरिफ युद्ध का असर सिर्फ चीन तक सीमित नहीं रहेगा। अमेरिका के अन्य व्यापारिक साझेदार जैसे मेक्सिको और कनाडा को भी इसकी मार झेलनी पड़ सकती है। इसके अलावा जापान, साउथ कोरिया और सिंगापुर जैसे देशों की अर्थव्यवस्थाएं भी इस टकराव से प्रभावित हो सकती हैं। चूंकि इन देशों के अमेरिका और चीन दोनों से गहरे व्यापारिक रिश्ते हैं, इसलिए सप्लाई चेन में रुकावट इनकी ग्रोथ को धीमा कर सकती है, खासकर मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में।
संकट में छुपा है भारत का मौका !
अमेरिका-चीन के इस नए व्यापार युद्ध में भारत को एक स्ट्रैटजिक फायदा मिल सकता है। अगर भारत सरकार और एक्सपोर्ट इंडस्ट्री ने मिलकर सही कदम उठाए, तो ये आने वाला वक्त भारतीय निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि एक देश की मुसीबत, दूसरे देश के लिए अवसर बन सकती है।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



