क्या ऑपरेशन ब्लू स्टार ने ही इंदिरा गांधी की जान ली? चिदंबरम ने दी चौंकाने वाली बात
- Shubhangi Pandey
- 12 Oct 2025 02:23:03 PM
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने रविवार को ऑपरेशन ब्लू स्टार को एक बड़ी गलती बताया। उन्होंने साफ कहा कि ये वो तरीका नहीं था जिससे स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को हटाया जाना चाहिए था। चिदंबरम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इस फैसले की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
सेना को बाहर रखकर भी मिल सकता था समाधान
चिदंबरम ने एक कार्यक्रम में कहा कि वे किसी भी सैन्य अधिकारी का अनादर नहीं कर रहे, लेकिन ऑपरेशन ब्लू स्टार गलत रास्ता था। उन्होंने बताया कि कुछ साल बाद सेना को बाहर रखकर स्वर्ण मंदिर को सही तरीके से पुनः प्राप्त किया गया। उनका मानना है कि उस समय यह एक गलत निर्णय था जिसने भारी नुकसान पहुंचाया।
1984 की घटना ने देश को झकझोरा
जून 1984 में इंदिरा गांधी के आदेश पर ऑपरेशन ब्लू स्टार किया गया था। इसका मकसद अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर से जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व वाले आतंकवादियों को हटाना था। इस ऑपरेशन में काफी जनहानि हुई और पूरे देश में खासकर सिख समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया। कुछ ही महीनों बाद बदले की भावना में इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख अंगरक्षकों ने कर दी। यह घटना 31 अक्टूबर 1984 की थी जब उनके दो अंगरक्षक बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने उन्हें गोली मार दी।
जिम्मेदारी सिर्फ इंदिरा गांधी की नहीं
पी चिदंबरम ने इस पूरे मसले पर चर्चा करते हुए कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार केवल इंदिरा गांधी की गलती नहीं थी। उन्होंने साफ कहा कि ये फैसला सेना, पुलिस, खुफिया विभाग और सिविल सेवा के मिलकर लिया गया था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सिर्फ इंदिरा गांधी को ही दोष देना सही होगा?
कांग्रेस नेता का बयान है खास
चिदंबरम की ये बातें कांग्रेस के लिए एक बड़ा संकेत हैं। क्योंकि लंबे समय से ऑपरेशन ब्लू स्टार और उसके बाद हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर कांग्रेस को आलोचना झेलनी पड़ी है। पार्टी ने कई बार खेद जताया लेकिन किसी वरिष्ठ नेता द्वारा इतनी साफ और सीधे तौर पर इस गलती को स्वीकार करना कम देखा गया।
ऑपरेशन ब्लू स्टार और सिख विरोधी दंगे: एक कड़वी सच्चाई
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में सिख विरोधी दंगे हुए जिनमें हजारों लोगों की जान गई। ये घटनाएं आज भी भारत के इतिहास में एक जटिल और विवादित अध्याय हैं। चिदंबरम की टिप्पणी इन घटनाओं पर कांग्रेस के दृष्टिकोण में बदलाव का इशारा भी हो सकती है।
राजनीतिक और सामाजिक नतीजे अभी भी गूंज रहे
ऑपरेशन ब्लू स्टार ने न सिर्फ राजनीतिक स्थिरता को झकझोर दिया बल्कि देश में धार्मिक और सामाजिक खींचतान को भी बढ़ावा दिया। चिदंबरम ने बताया कि गलत निर्णय के गंभीर नतीजे आज भी महसूस किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास से सीखना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसे फैसले सोच-समझकर लिए जाएं।
बता दें कि पी चिदंबरम ने जो कुछ कहा वो न सिर्फ एक राजनीतिक बयान है बल्कि उस दौर की गलतियों को स्वीकारने का एक कदम भी है। ऑपरेशन ब्लू स्टार की वजह से देश ने बहुत कुछ खोया। आज जब हम इतिहास को देखते हैं तो समझ पाते हैं कि हिंसा और गलत फैसलों का खामियाजा कितनी बड़ी कीमत पर चुकाना पड़ता है।
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