India-America की ‘डील की बात’ पक्की? 2025 के आखिर तक खुलेगा Trade का खज़ाना!
- Ankit Rawat
- 13 Oct 2025 07:03:38 PM
भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चर्चा में चल रहा व्यापार समझौता अब अपने पहले पड़ाव के करीब पहुंचता दिख रहा है। एक सीनियर भारतीय अधिकारी के मुताबिक दोनों देश 2025 की आखिर तक पहले चरण के समझौते को अंतिम रूप देने के लिए तेज़ी से काम कर रहे हैं। इस समझौते का मकसद न सिर्फ व्यापार को बढ़ाना है, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को भी एक नई दिशा देना है।
कौन से मुद्दों पर बातचीत हो रही है?
बातचीत का फोकस टैरिफ (शुल्क), बाज़ार पहुंच, ऊर्जा, तकनीक और आपूर्ति श्रृंखला जैसे बड़े मुद्दों पर है। दोनों देशों ने एक महत्वाकांक्षी लेकिन व्यावहारिक टाइमलाइन पर सहमति जताई है। ये बातचीत कई स्तरों पर चल रही है, जिसमें अलग-अलग वर्किंग ग्रुप्स और मंत्रिस्तरीय बैठकें शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया, "बातचीत अच्छी रफ्तार से आगे बढ़ रही है और दोनों देश इस समझौते को अगले साल तक फाइनल करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।"
ऊर्जा सेक्टर में भी बड़ा फोकस
भारत अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अमेरिका से तेज़ी से तेल और प्राकृतिक गैस का आयात बढ़ा रहा है। नई दिल्ली अब अमेरिका से LNG और क्रूड ऑयल की खरीद में टॉप ग्राहकों में शामिल हो चुका है। इस डील के ज़रिए दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में निवेश और व्यापार को और मजबूत किया जा सकता है।
क्यों ज़रूरी है ये समझौता?
व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि एक "मिनी ट्रेड डील" या सीमित प्रारंभिक समझौता वर्तमान वैश्विक हालात में बेहद ज़रूरी है। इससे न सिर्फ सप्लाई चेन की बाधाएं दूर होंगी, बल्कि आने वाले समय में एक बड़े और व्यापक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की नींव भी रखी जा सकती है।
इंडो-पैसिफिक रणनीति का भी हिस्सा
ये समझौता सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है। भारत और अमेरिका IPEF (इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क) और QUAD जैसे मंचों के ज़रिए क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक मजबूती की दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं। ऐसे में ये डील दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को और गहरा कर सकती है।
दोनों देश एक ही मोड़ पर
जहां एक तरफ भारत व्यापार के ज़रिए अपने वैश्विक रिश्तों को मजबूत कर रहा है, वहीं अमेरिका भी चीन पर बढ़ती निर्भरता को कम करने के लिए भारत जैसे भरोसेमंद साझेदार के साथ रिश्तों को मज़बूत करना चाहता है। 2025 के आखिर तक अगर ये डील फाइनल होती है तो ये भारत-अमेरिका आर्थिक रिश्तों में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो सकती है।
बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच ये संभावित व्यापार समझौता न सिर्फ दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को एक नया आयाम देगा, बल्कि रणनीतिक और तकनीकी सहयोग को भी गहरा बनाएगा। 2025 की आखिर तक डील को अंतिम रूप देने की तैयारी इस बात का संकेत है कि नई दिल्ली और वाशिंगटन अब सिर्फ दोस्त नहीं, बल्कि वैश्विक बदलाव के साझेदार बनना चाहते हैं।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *



