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APJ Abdul Kalam की जयंती आज, PM Modi ने श्रद्धांजलि देते हुए कह दी बड़ी बात

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आज भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की । उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति कलाम ने देश को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया था।

एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एपीजे अब्दुल कलाम को याद करते हुए लिखा कि उन्हें युवाओं को प्रेरित करने वाले एक बहुत ही खास शख्स के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने लिखा कि अब्दुल कलाम की सोंच से भारत एक मजबूत और आत्मनिर्भर देश के रूप में आगे बढ़ा।

एपीजे अब्दुल कलाम को किया नमन
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, "डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर नमन। उन्हें एक दूरदर्शी व्यक्ति की तरह याद किया जाता है। जिन्होंने युवाओं के मन में नया उजाला किया और हमारे देश को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया। उनका जीवन हमें याद दिलाता है कि सफलता के लिए विनम्रता और कड़ी मेहनत बेहद ज़रूरी है। हम उनके सोंच के भारत का निर्माण जारी रखेंगे... एक ऐसा भारत जो मजबूत, आत्मनिर्भर और दयालु हो।"

एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन पर एक नजर
अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (1931-2015), जिन्हें भारत के मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है, एक जाने माने वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति (2002-2007) थे। 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक साधारण परिवार में जन्मे कलाम ने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर ये मुकाम हासिल किया।

कलाम ने परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-III) के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिसने जुलाई 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया और भारत को अंतरिक्ष क्लब का एक खास सदस्य बनाया। वो इसरो के प्रक्षेपण यान कार्यक्रम, विशेष रूप से PSLV विन्यास के विकास के लिए जिम्मेदार थे। वो अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास और संचालन के लिए और कई संस्थानों के नेटवर्क के माध्यम से खास तकनीकों में स्वदेशी क्षमता निर्माण के लिए जानेजाते थे।

युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत
अपने वैज्ञानिक योगदान के अलावा कलाम भारत के युवाओं को प्रेरित करने के लिए भी बेहद उत्सुक थे। उन्होंने "विंग्स ऑफ़ फ़ायर", "इग्नाइटेड माइंड्स" और "इंडिया 2020" जैसी कई प्रभावशाली पुस्तकें लिखीं, जो सभी बड़े सपने देखने और एक मज़बूत राष्ट्र के निर्माण पर केंद्रित थीं। एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को निधन हो गया था।

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