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अफगानिस्तान पाकिस्तान सीमा पर तनाव, दोहा में घंटों चली बैठक

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पाकिस्तान और अफ़ग़ान तालिबान के प्रतिनिधिमंडलों ने दोहा में बंद दरवाजों के पीछे साढ़े चार घंटे से ज़्यादा समय तक एक लंबी बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य बढ़ती सीमा पार शत्रुता पर चर्चा करना था। जिसमें दर्जनों लोग मारे गए हैं और द्विपक्षीय संबंधों में तनाव पैदा हुआ है।

बैठक में क्या हुआ 
दोहा में सूत्र ने बताया कि सत्र का उद्घाटन कतर के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने किया। जिसके बाद दोनों पक्षों को लंबित मुद्दों पर सीधे चर्चा करने की अनुमति दी गई। अधिकारियों ने आशा जताई है कि वार्ता के परिणाम में कोई सकारात्मक घोषणा हो सकती है।

बढ़ते तालिबान प्रतिरोध के बीच, पाकिस्तान कथित तौर पर युद्धविराम की सशर्त अवधि बढ़ाने और खोस्त-उत्तरी वज़ीरिस्तान अक्ष पर अपने काफिलों के लिए सुरक्षित क्षेत्र बनाने की मांग कर रहा है।

हालांकि अफ़ग़ान पक्ष ने पाकिस्तानी हवाई घुसपैठ पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की है और किसी भी दीर्घकालिक शांति समझौते पर सहमति जताने से पहले कैदियों की रिहाई की गारंटी पर ज़ोर दे रहा है।

जारी हो सकता है संयुक्त बयान
तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम अपने देश की रक्षा करने के लिए बाध्य हैं। यह एक असमान युद्ध है क्योंकि हमारे पास हवाई सुरक्षा का अभाव है।" पश्चिमी शक्तियों के समर्थन से मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा कतर कथित तौर पर दोनों पक्षों को एक संयुक्त बयान जारी करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है जिसमें किसी भी पक्ष पर सीधे आरोप लगाए बिना आपसी संयम बरतने का आह्वान किया गया है।

दोनों पक्ष एक दूसरे पर हमलावर
दोहा ने दोनों देशों के साथ अपने राजनयिक संबंधों को संतुलित करते हुए पाक-अफगान गलियारे को स्थिर करने में अपनी रुचि पर ज़ोर दिया है। यह संकट शुक्रवार को समाप्त हुए 48 घंटे के युद्धविराम के बाद पैदा हुआ है। जिसके बाद पाकिस्तान ने सीमा पार हमले शुरू कर दिए जिससे संघर्ष और बढ़ गया। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर शत्रुता शुरू करने का आरोप लगाया है, जबकि अफ़ग़ान अधिकारियों ने पाकिस्तानी क्षेत्र पर हमला करने वाले आतंकवादियों को पनाह देने से इनकार किया है।

तालिबान सरकार के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तानी सेना के बार-बार किए गए अपराधों और अफ़गानिस्तान की संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा करते हुए इसे शत्रुता को बढ़ाने के उद्देश्य से उकसावे वाली कार्रवाई बताया।

क्या है विवाद की जड़?
2,611 किलोमीटर लंबी डूरंड रेखा के जरिए परिभाषित सीमा क्षेत्र लंबे समय से विवाद का विषय बना हुआ है क्योंकि अफ़गानिस्तान इस सीमा को औपचारिक मान्यता देने से इनकार करता रहा है। पाकिस्तान ने अपनी सीमा पर बढ़ते आतंकवाद का हवाला देते हुए बिना किसी सबूत के दावा किया है कि भारत उस क्षेत्र में सशस्त्र समूहों का समर्थन कर रहा है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अफ़ग़ान अधिकारियों से निरंतर हिंसा की बजाय सुरक्षा और स्थिरता को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है।

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