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दिवाली के बाद खराब हुई दिल्ली की हवा, दिल्ली सरकार कर रही कृत्रिम बारिश की तैयारी!

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दिल्ली सरकार इस हफ्ते क्लाउड सीडिंग के जरिए बहुप्रतीक्षित आर्टिफिशियल रेनिंग कराने की तैयारी कर रही है।  दिल्ली में वायु गुणवत्ता सोमवार को दिवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल की वजह से खराब हो गई है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में साफ हवा उपलब्ध कराने के वादे के साथ फरवरी में सत्ता में आई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली सरकार को 24 से 26 अक्टूबर के बीच मौसम विभाग से हरी झंडी मिलने की उम्मीद है क्योंकि इस दौरान मौसम की स्थिति अनुकूल रह सकती है।

पर्यावरण मंत्री ने की पुष्टि
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने हाल ही में पुष्टि की है कि क्लाउड सीडिंग के ज़रिए कृत्रिम बारिश का पहला परीक्षण दिवाली के बाद भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की हरी झंडी मिलने के बाद किया जाएगा। पिछले बुधवार को एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान सिरसा ने कहा कि पायलटों ने उस क्षेत्र के ऊपर परीक्षण उड़ानें पहले ही पूरी कर ली हैं जहां क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन की योजना है।

पूरी हुई तैयारी
बीजेपी नेता ने कहा कि एयरक्राफ्ट इस प्रक्रिया के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और चालक दल प्रशिक्षित है और क्षेत्र से परिचित है। उन्होंने कहा, "अनुमति से लेकर पायलट प्रशिक्षण तक पूरी व्यवस्था तैयार है। विमानों में क्लाउड सीडिंग उपकरण लगे हैं और पायलट तैयारी के लिए तय क्षेत्रों के ऊपर से उड़ान भर चुके हैं। हम केवल आईएमडी की मंज़ूरी का इंतज़ार कर रहे हैं।" शुरुआत में जुलाई में शुरू होने वाली दिल्ली सरकार की क्लाउड सीडिंग परियोजना मानसून, बदलते मौसम पैटर्न, विक्षोभ और उपयुक्त बादलों की कमी की वजह से देरी से शुरू हो गई।

दिवाली से पहले पूरी होनी थी प्रक्रिया
दिवाली से पहले ऑपरेशन करने का वादा किया गया था लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया। दिवाली के बाद दिल्ली की हवा'बेहद खराब' है। दिल्ली के निवासियों ने सुबह गहरी धुंध, कम दृश्यता और 'बेहद खराब' हवा का अनुभव किया, क्योंकि दिवाली पर निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट की निर्धारित दो घंटे की सीमा से ज़्यादा पटाखे फोड़े। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार सुबह 11 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 359 यानी 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। सुबह 8 बजे यह 352, 7 बजे 351, 6 बजे 347 और 5 बजे 346 था।

बता दें कि 0 से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। कुल 38 निगरानी केंद्रों में से 35 'रेड ज़ोन' में थे, जो 'बेहद खराब' से 'गंभीर' वायु गुणवत्ता का संकेत देते हैं। 31 'बेहद खराब' श्रेणी में थे, जबकि चार 'गंभीर' श्रेणी में थे।

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